चाकबुड़ा पॉवर प्लांट की लापरवाही ने गांवों को बनाया जहर का कुआं – राखड़ और कोयले का जहर बहकर हसदेव में घुल रहा, प्रशासन मौन




देवरी, कोराई, पुरेना, मड़वाडोडा, गंगा नगर, प्रेम नगर तक फैला जहरीला पानी; सलिहा नाला और खोलार नदी के रास्ते हसदेव को भी मौत का घूंट पिला रही कंपनी
कोरबा।
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ एसीबी कंपनी के चाकबुड़ा पॉवर प्लांट की लापरवाही अब ग्रामीणों के जीवन पर कहर बनकर टूट रही है। प्लांट से निकलने वाला राखड़ और कोयले से मिश्रित गंदा पानी सीधे सलिहा नाला होते हुए खोलार नदी में पहुंच रहा है, और वहां से यह जहरीला प्रवाह हसदेव नदी तक जा रहा है।
इस जहरीले पानी के कारण देवरी, कोराई, पुरेना, मड़वाडोडा, गंगा नगर और प्रेम नगर जैसे गांवों के लोगों की जिंदगी खतरे में है। निस्तारी और पीने के पानी में लगातार मिल रहे कोयले के पानी और राखड़ से ग्रामीणों में गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।
गांवों में पीने के पानी का संकट और बीमारी का साया
स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले और नदी का पानी अब इतना गंदा हो चुका है कि जानवर भी पीने से कतराने लगे हैं। खेतों की सिंचाई से लेकर रोजमर्रा की जरूरत तक के लिए इस्तेमाल हो रहे पानी में राख और कोयले की परत तैरती नजर आती है।
त्वचा रोग, पेट के संक्रमण और सांस की समस्या गांवों में आम होती जा रही है।
कंपनी की बेरुखी और प्रशासन की चुप्पी
ग्रामीण कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन एसीबी कंपनी और प्रशासन दोनों ही पूरी तरह से चुप हैं। न तो प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और न ही पीने के साफ पानी की कोई व्यवस्था।
स्थानीय लोगों का गुस्सा इस समय चरम पर है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही इस जहरीले पानी को रोकने के उपाय नहीं किए गए तो वे मजबूर होकर सड़क पर उतरेंगे।
हसदेव नदी भी खतरे में
खोलार नदी के जरिए यह जहरीला पानी सीधे हसदेव नदी में जाकर मिल रहा है, जो आगे बड़े क्षेत्र में लोगों के जीवन और खेती को प्रभावित करेगा।
ग्रामीणों की चेतावनी
> “अगर हमारी जिंदगी के साथ खिलवाड़ जारी रहा तो गांव का हर आदमी आंदोलन करेगा। हमें मरने के लिए मत छोड़ो।”
– प्रभावित ग्रामीण
अब सवाल है कि आखिर कब प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग जागेगा? कब कंपनी को जवाबदेह बनाया जाएगा? या फिर पूरे क्षेत्र को मौत के मुंह में धकेल दिया जाएगा?
