कोरबा में 17 साल पुराना बांसाझर्रा स्टॉपडैम बारिश में टूटा, घटिया निर्माण सामग्री पर उठे सवाल




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा। जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने बांसाझर्रा स्टॉपडैम की पोल खोल दी। करतला विकासखंड के गेरांव के पास स्थित यह स्टॉपडैम महज 17 साल में ही धराशायी हो गया। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग हुआ था, तभी पहली ही बड़ी बारिश में यह टूट गया।
ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 2007-08 में पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की पहल पर बांसाझर्रा नाले पर स्टॉपडैम का निर्माण कराया गया था। इसका उद्देश्य खेतों की सिंचाई और ग्रामीणों के लिए जलस्रोत को सुरक्षित रखना था। लेकिन दो दिनों से जारी तेज बारिश के चलते डैम में अत्यधिक दबाव बना और शनिवार को वह टूट गया।
खेतों में घुसा पानी, फसलें डूबने का खतरा
डैम टूटने के कारण आसपास के खेतों में पानी भर गया है। धान की बुआई कर चुके किसानों की फसलें डूबने का खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि डैम के टूटने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की पुलिया भी बही
उधर, इसी मार्ग पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी कोई-बड़मार सड़क की पुलिया भी बह गई। वर्ष 2007-08 में इस सड़क का निर्माण हुआ था, जिसमें छोटे नाले को पार करने के लिए पाइप डालकर पुलिया बनाई गई थी। शनिवार सुबह ग्रामीणों ने देखा कि पुलिया बह चुकी है। इससे कोई-बड़मार मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है और ग्रामीणों को वैकल्पिक रास्ते से 5 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
घटिया निर्माण पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि स्टॉपडैम और पुलिया के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखा गया होता, तो महज 17 साल में यह स्थिति नहीं आती। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों ने निर्माण के समय कमीशनखोरी कर घटिया मटेरियल का इस्तेमाल किया।
ग्रामीणों की प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल नुकसान का आकलन कर मुआवजा दिया जाए और स्टॉपडैम तथा पुलिया के पुनर्निर्माण के लिए कदम उठाए जाएं। साथ ही, निर्माण में गड़बड़ी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग भी की गई है।
