December 8, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

खबरें जरा हट के

नवलपुर नाका की 50 साल पुरानी सामुदायिक भूमि पर कब्जे का विवाद भड़का — ग्रामीणों का उग्र विरोध, महिलाओं ने खोला मोर्चा, जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा बोले: “न्याय तक साथ हूँ”

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ ग्राम नवलपुर नाका।
ग्राम नवलपुर नाका में लगभग 50 वर्षों से सामुदायिक उपयोग में रही भूमि पर कब्जे के प्रयासों का विवाद अब चरम पर पहुँच गया है। ग्रामीणों ने पटढ़ी निवासी सुमन कल्याण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे कूटनीति और दस्तावेज़ी हेरफेर के माध्यम से इस सामुदायिक भूमि को अपने नाम दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि पर अब कब्जे का दावा किया जा रहा है, वहीं शासकीय अस्पताल, प्राथमिक विद्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र और अन्य सार्वजनिक सुविधाएँ वर्षों से संचालित हैं। इन सभी सुविधाओं का सीधा लाभ स्थानीय बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और ग्रामीण परिवारों को मिलता है।

 

 

ग्रामीणों के अनुसार पुराने राजस्व अभिलेखों में यह भूमि ‘बड़े झाड़ का जंगल’ के रूप में दर्ज है, लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में अचानक इसे सुमन कल्याण के नाम दिखाया जाने लगा है। ग्रामीणों ने इसे गंभीर दस्तावेज़ी विसंगति और संभावित हेराफेरी का मामला बताया है। विरोध जताने के बाद ग्रामीणों को नोटिस भेजकर दबाव डालने की शिकायत भी सामने आई है।
इसी विवाद को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा से मुलाकात कर विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन प्राप्त करने के बाद मनोज झा ने ग्रामीणों को स्पष्ट भरोसा दिलाते हुए कहा—
“जब तक न्याय नहीं मिलता, मैं आपके साथ खड़ा रहूंगा। किसी भी कीमत पर सामुदायिक हितों को नुकसान नहीं होने देंगे।”
गांव की महिलाओं की आवाज़ इस लड़ाई में सबसे मुखर रही।
राधा बाई ने कहा—
“हमने अपनी आँखों से यहां स्कूल और अस्पताल बनते देखा है। यह गाँव की जमीन है। इसे निजी नाम पर दर्ज करना अन्याय है।”
बसंती बाई बोलीं—
“हम गरीब हैं, पर सच के लिए खड़े हैं। किसी को हमें डराने या बेदखल करने का हक नहीं। पूर्ण जांच होनी चाहिए।”
भगवती राजपूत ने कहा—
“नोटिस भेजकर डराया जा रहा है, पर हम डरेंगे नहीं। यह हमारी सामुदायिक विरासत है, इसे बचाने के लिए अंत तक लड़ेंगे।”
उषा बड़ाइक ने चिंता जताते हुए कहा—
“अगर यह जमीन निजी नाम पर चली गई, तो स्कूल, आंगनवाड़ी और अस्पताल सब खतरे में पड़ जाएंगे। आने वाली पूरी पीढ़ी प्रभावित होगी।”
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि राजस्व रिकॉर्ड, पुरालेख, सीमांकन और स्वामित्व की निष्पक्ष जांच की जाए तथा इस भूमि पर किसी भी प्रकार के निजी कब्जे के प्रयास को तुरंत रोका जाए।
स्थानीय स्तर पर यह मामला अब अत्यंत संवेदनशील हो चुका है और ग्रामीण समुदाय की निगाहें आगामी प्रशासनिक कार्रवाई और जांच के परिणाम पर टिकी हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.