वन्देमातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर उमड़ा जनसैलाब — मुख्यमंत्री साय बोले, “वन्देमातरम् भारत की आत्मा की अनुगूंज है”






प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा — “वन्देमातरम् हमारी राष्ट्रीय चेतना और स्वभाव का मूलमंत्र है”
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/रायपुर, 08 नवम्बर 2025। भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजधानी रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित “वन्देमातरम् संस्मरणोत्सव” कार्यक्रम में देशभक्ति और राष्ट्रभावना का अनूठा संगम देखने को मिला। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “वन्देमातरम् भारत की आत्मा की आवाज है, यह गीत हमारे स्वाभिमान, हमारी संस्कृति और हमारी एकता का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी को हमारे राष्ट्रीय गीत की महत्ता और इतिहास से जोड़ने का अभियान है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “वन्देमातरम् हमारी स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा रहा है। जब यह गीत गूंजता था, तो हर भारतीय के हृदय में राष्ट्रभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ता था। हमारे महापुरुषों ने वन्देमातरम् का जयघोष करते हुए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा, यह गीत शक्ति और भक्ति दोनों का संगम है।”
उन्होंने बताया कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने सन् 1875 में ‘आनन्द मठ’ उपन्यास के लिए वन्देमातरम् की रचना की थी, जो अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध स्वाधीनता का उद्घोष बना। “यह गीत आदि शंकराचार्य की उस भावना का भी प्रतीक है, जिसमें उन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों से धर्म और देश की रक्षा का आह्वान किया था,” मुख्यमंत्री ने कहा।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज छत्तीसगढ़ के पाँचों संभागीय मुख्यालयों समेत देशभर में 150 स्थानों पर सामूहिक रूप से वन्देमातरम् का गायन हुआ है। उन्होंने इसे देश की एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
साय ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक दिन का नहीं, बल्कि यह आयोजन पूरे वर्षभर देश के कोने-कोने में चलने वाला जनआंदोलन है।

प्रदेश अध्यक्ष देव बोले — “वन्देमातरम् हमारी आत्मा का स्वर, हमारे स्वभाव का मूलमंत्र है”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री किरण सिंह देव ने कहा कि “जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने वन्देमातरम् की रचना कर देशवासियों में स्वतंत्रता की चेतना जगाई। यह गीत केवल शब्द नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मसम्मान की पुकार है।”
उन्होंने कहा कि इस गीत ने भारत के हर वर्ग, हर समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। “वन्देमातरम् से सबके मन में भारत माता के गौरव की भावना जागृत हुई और स्वतंत्रता संग्राम का यह उद्घोष विश्वभर में गूंजा।”
श्री देव ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल और सुचेता कृपलानी के आग्रह पर पहली बार वन्देमातरम् आकाशवाणी पर प्रसारित हुआ था। तत्पश्चात 1947 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने ‘वन्देमातरम्’ को राष्ट्रगीत और ‘जन गण मन’ को राष्ट्रगान के रूप में मान्यता दी।
उन्होंने कहा कि “वन्देमातरम् हमारे स्वभाव का मूलमंत्र बन चुका है, नई पीढ़ी और आधुनिक भारत को इसकी महत्ता समझनी चाहिए। यह गीत केवल इतिहास नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय चेतना का शाश्वत स्वरूप है।”
सुमधुर सामूहिक गायन में गूंजा ‘वन्देमातरम्’
कार्यक्रम के अंत में फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष मोना सेन और उनकी टीम ने ‘वन्देमातरम्’ गीत का सुमधुर सस्वर गायन किया, जिसमें उपस्थित जनों ने भाव-विभोर होकर सहभागिता की। पूरा स्टेडियम “वन्दे मातरम्” के जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद सभी अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं ने हाथों में तिरंगा लेकर देशभक्ति गीतों का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ओ.पी. चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम बिहारी जायसवाल, एनए के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, प्रदेश कोषाध्यक्ष श्रीराम गर्ग, प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन जैन, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, प्रदेश मंत्री जयंती पटेल, श्रीचंद सुंदरानी, सच्चिदानंद उपासने, जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, जिला महामंत्री गुंजन प्रजापति, अमित मैशेरी, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, तुषार चोपड़ा सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित रहे।
नंदन जैन ने प्रदेशवासियों के प्रति जताया आभार
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं वन्देमातरम् कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी श्री नंदन जैन ने पूरे छत्तीसगढ़ में वन्देमातरम् के सामूहिक गायन में जनता की स्वस्फूर्त भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “वन्देमातरम् हमारे आत्मसम्मान का प्रतीक है। इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान करोड़ों भारतीयों के मन में देशप्रेम की ज्वाला जगाई थी और आज भाजपा कार्यकर्ता उसी भावना को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”
जैन ने कहा कि यह आयोजन प्रदेश की राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक गौरव का अद्भुत उदाहरण है, जिसने आज प्रत्येक नागरिक के हृदय में नवउर्जा और राष्ट्रीय एकता का संदेश जगाया है।





