वादाखिलाफी के खिलाफ फूटा मजदूरों का गुस्सा — निजी कंपनी पर लगाया विश्वासघात का आरोप, 7 घंटे रोकी एनटीपीसी की रेक, चेताया – अब आरपार की लड़ाई”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोल इंडिया की सहायक कंपनी एसईसीएल (SECL) दीपका क्षेत्र में संचालित निजी कंपनी के खिलाफ मजदूरों का आक्रोश इस कदर फूटा कि गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत सैकड़ों मजदूरों ने काम बंद कर खुलेआम मोर्चा खोल दिया। सात सूत्रीय मांगों की अनदेखी और कंपनी द्वारा किए गए वादों को तोड़ने के विरोध में मजदूरों ने एनटीपीसी कोयला रेक को करीब 7 घंटे तक रोक दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
प्रदर्शनकारी मजदूरों ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि कंपनी और दीपका प्रबंधन के साथ पहले हुई बैठक में सात मांगों पर सहमति बनी थी, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद प्रबंधन ने एक भी वादा पूरा नहीं किया। उल्टे अब कंपनी की कार्यप्रणाली वादाखिलाफी और मजदूर-विरोधी मानसिकता को दर्शा रही है।
मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है — यदि मांगे पूरी नहीं की गईं तो यह आंदोलन अब आरपार की लड़ाई में तब्दील हो जाएगा। आंदोलन को अनिश्चितकालीन रूप देने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि अब केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा — ज़मीन पर ठोस कार्रवाई चाहिए।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि 7 घंटे के इस व्यापक विरोध और कामबंदी के बावजूद न तो कंपनी प्रबंधन और न ही दीपका क्षेत्र के किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों से बात करने की कोशिश की। इस बेरुखी और उपेक्षा से मजदूरों में जबरदस्त नाराजगी देखी गई।
प्रदर्शनकारी नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन अब केवल मजदूरी या सुविधा की लड़ाई नहीं, बल्कि सम्मान और हक़ की लड़ाई है। यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में पूरे क्षेत्र का औद्योगिक वातावरण ठप हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ लापरवाह प्रबंधन की होगी।
मजदूरों ने अंत में दो टूक चेतावनी दी — “अब बहुत हो चुका, अब बात होगी सीधी कार्रवाई की… समझौते की नहीं।”
