कामिका एकादशी व्रत: पापों से मुक्ति और मोक्ष का मार्ग




।।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
श्रावण मास की कामिका एकादशी का महत्व, व्रत कथा और पारण का समय
🔹 एकादशी तिथि
- आरंभ: 20 जुलाई 2025 (रविवार) दोपहर 12:12 बजे
- समाप्त: 21 जुलाई 2025 (सोमवार) सुबह 09:38 बजे
- व्रत तिथि: 21 जुलाई 2025 (सोमवार)
- पारण का समय: 22 जुलाई 2025 (मंगलवार) प्रात: 05:37 से 07:05 बजे तक
🌸 कामिका एकादशी का महात्म्य एवं व्रत कथा
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। शास्त्रों में इसे पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का अत्यंत प्रभावी व्रत बताया गया है।
कथाओं के अनुसार एक गाँव में रहने वाले वीर क्षत्रिय के हाथों अनजाने में एक ब्राह्मण की मृत्यु हो गई। जब उसने ब्राह्मण की क्रिया-कर्म में भाग लेने का प्रयास किया तो पंडितों ने उसे रोक दिया और बताया कि वह ब्रह्म-हत्या के दोषी हैं। क्षत्रिय ने पाप से मुक्त होने का उपाय पूछा। तब पंडितों ने बताया कि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीधर का व्रत और पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त करने से ब्रह्म-हत्या जैसे महापाप से भी मुक्ति संभव है।
क्षत्रिय ने पंडितों के निर्देशानुसार कामिका एकादशी का व्रत किया। उस रात भगवान श्रीधर स्वयं प्रकट हुए और उसे ब्रह्म-हत्या के पाप से मुक्त होने का आशीर्वाद दिया।
📖 व्रत का पुण्यफल
कामिका एकादशी का व्रत करने से न केवल ब्रह्म-हत्या जैसे महापाप का नाश होता है, बल्कि अन्य सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है। इस व्रत के श्रवण, पठन और पालन से व्यक्ति को इहलोक में सुख और परलोक में विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।
🌿 नाड़ीवैद्य पंडित नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि इस दिन उपवास कर भगवान विष्णु का पूजन, तुलसी दल अर्पण, दीपदान और ब्राह्मणों को भोजन कराने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत लोक और परलोक दोनों को संवारने वाला है।
