“रोजगार की मांग को लेकर भू-विस्थापित महिलाओं का उग्र प्रदर्शन, एसईसीएल कार्यालय में अर्धनग्न होकर जताया आक्रोश”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ । कोरबा जिले के कुसमुंडा स्थित एसईसीएल मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बड़ी संख्या में भू-विस्थापित महिलाओं ने रोजगार की मांग को लेकर अर्धनग्न होकर जोरदार प्रदर्शन किया। कोयला परियोजनाओं से विस्थापित इन महिलाओं का आरोप है कि उनकी जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया गया, लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं दी गई।
महिलाओं ने कार्यालय परिसर के भीतर नारेबाजी करते हुए कहा कि पहले भी कई बार उन्होंने गेवरा और कुसमुंडा खदान क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन किया था। “हर बार हमें आश्वासन देकर टाल दिया गया। जब हमने न्याय की मांग की तो प्रबंधन ने सख्त रवैया अपनाते हुए महिलाओं और बच्चों सहित 20 से अधिक लोगों को जेल भेज दिया। आखिर कब तक हम अन्याय सहते रहेंगे?” एक प्रदर्शनकारी महिला ने आक्रोशित स्वर में कहा।
खदानों से सीधे मुख्यालय तक पहुंचा आंदोलन
अब भू-विस्थापितों ने खदानों में प्रदर्शन करने के बजाय सीधे एसईसीएल के मुख्य कार्यालय का रुख किया और वहां का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया। कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी स्तब्ध रह गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें स्थायी रोजगार नहीं दिया जाता, वे कार्यालय परिसर में ही धरना जारी रखेंगी।
मांगों को लेकर अडिग भू-विस्थापित
प्रदर्शनकारी महिलाओं की मुख्य मांगें हैं—
✅ भू-अधिग्रहण के बदले सभी पात्र परिवारों को स्थायी नौकरी दी जाए।
✅ पिछले आश्वासनों पर अमल करते हुए बकाया मुआवजा एवं पुनर्वास सुविधाएं दी जाएं।
✅ कंपनी प्रबंधन द्वारा दर्ज मामलों को तत्काल वापस लिया जाए।
प्रबंधन की चुप्पी और बढ़ता तनाव
एसईसीएल प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं प्रदर्शनकारियों की चेतावनी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
स्थानीय प्रशासन सतर्क
स्थिति को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि महिलाएं किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
