कोरबा जैन समाज का स्वर्णिम क्षण: 8 दीक्षारथी भाई-बहनों के पावन आगमन पर भव्य वरघोड़ा एवं बहुमान समारोह कोरबा।






त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा जैन समाज के लिए मंगलवार, 16 दिसंबर का दिन आस्था, त्याग और वैराग्य की भावना से ओतप्रोत एक ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण अवसर बन गया। नगर में एक साथ 8 दीक्षारथी भाई-बहनों के पावन आगमन पर सकल जैन समाज के संयुक्त तत्वावधान में भव्य वरघोड़ा एवं बहुमान समारोह का आयोजन श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ किया गया। इस आयोजन ने पूरे नगर को धर्ममय वातावरण से सराबोर कर दिया।

इस पावन अवसर पर जिन दीक्षारथी भाई-बहनों का समाज द्वारा सम्मान किया गया, उनके नाम इस प्रकार हैं —
शैलेन्द्र सकलेचा (49), आशीष सुराना (42), आर्यन सुराना (16), आदित्य सुराना (14), तनीष सोनिगरा (13), एकता सकलेचा (47), रितु सुराना (40) एवं सुरभि भंसाली (26)।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः पाटीदार भवन, टी.पी. नगर में स्वल्पाहार के साथ हुई। इसके पश्चात श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन मंदिर, टी.पी. नगर से दीक्षारथी भाई-बहनों का भव्य वरघोड़ा निकाला गया। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों, भजन-कीर्तन, जयघोष और मंगल गीतों के बीच निकले इस वरघोड़े ने नगरवासियों को भावविभोर कर दिया। मार्ग में समाजजनों द्वारा पुष्पवर्षा कर दीक्षारथियों का अभिनंदन किया गया, जिससे संपूर्ण वातावरण अध्यात्म और श्रद्धा से परिपूर्ण हो उठा।
वरघोड़ा उपरांत पाटीदार भवन में आयोजित बहुमान समारोह में सभी दीक्षारथी भाई-बहनों का विधिवत सम्मान किया गया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठजनों ने दीक्षारथियों के संयम, त्याग, वैराग्य और धर्ममार्ग को अपनाने के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। महिला मंडल एवं युवा वर्ग ने भी भावपूर्ण शब्दों में दीक्षारथियों को शुभकामनाएं अर्पित कीं।

समारोह के समापन पर गौतम प्रसादी (स्वरुचि भोज) का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की। आयोजकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग देने वाले सभी समाजजनों, कार्यकर्ताओं एवं सेवाभावी बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त किया तथा इसे कोरबा जैन समाज के इतिहास का अविस्मरणीय अध्याय बताया।
यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था और संस्कारों का प्रतीक रहा, बल्कि समाज की एकता, अनुशासन और परंपराओं की सशक्त अभिव्यक्ति के रूप में भी स्मरणीय बन गया।





