“लोकसभा में गूंजा खैरागढ़: सांसद संतोष पांडेय ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने की पुरजोर मांग उठाई”






त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर/नई दिल्ली। लोकसभा के प्रश्नकाल में आज छत्तीसगढ़ की धरोहर और देश के प्रतिष्ठित कला एवं संस्कृति के केंद्र इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की मांग जोरदार तरीके से गूंजी। यह महत्वपूर्ण मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एवं राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने सदन के पटल पर रखा।
सांसद श्री पांडेय ने कहा कि खैरागढ़ स्थित यह विश्वविद्यालय एशिया का पहला ऐसा संस्थान है, जिसे शास्त्रीय संगीत, नृत्य और लोक कलाओं को समर्पित करते हुए वर्ष 1956 (14 अक्टूबर) में स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय ने देश–विदेश में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यहां कत्थक, भरतनाट्यम, लोक संगीत, वादन कला, नाट्य कला सहित अनेक पारंपरिक विधाओं की उच्च शिक्षा दी जाती है।
उन्होंने सदन में स्पष्ट कहा कि —
“इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश की सांस्कृतिक विरासत का गौरव है। इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान, विदेशी छात्रों की बढ़ती संख्या और कला-संस्कृति के प्रति इसके अमूल्य योगदान को देखते हुए इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना चाहिए।”
सांसद पांडेय ने यह भी उल्लेख किया कि यह संस्थान भारत की शास्त्रीय परंपराओं और लोक संस्कृति को विश्व मंच पर आगे बढ़ाने में एक सेतु का कार्य करता है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्रदान की जानी अत्यंत आवश्यक है।
उनकी इस मांग का उद्देश्य विश्वविद्यालय के शैक्षणिक विकास, संसाधनों के सुदृढ़ीकरण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। सदन में उठाए गए इस मुद्दे को कला प्रेमियों, शिक्षाविदों और क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों द्वारा महत्वपूर्ण और स्वागतयोग्य बताया जा रहा है।





