SECL कर्मचारी पर ठगी और शोषण के गंभीर आरोप से हलचल; FIR के बाद भी गिरफ्तारी नहीं, आदिवासी युवती ने दी आत्मदाह की चेतावनी






त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर/कोरबा |
कोरबा जिले के बाकीमोंगरा थाना क्षेत्र में एक आदिवासी युवती द्वारा SECL कर्मी दीनदयाल गुप्ता (59) पर लगाए गए ठगी और शोषण के गंभीर आरोपों ने पुलिस महकमे से लेकर प्रशासनिक हलकों तक हलचल मचा दी है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश के बाद आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 318(4) और 74 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है, लेकिन FIR दर्ज होने के कई दिन बाद भी गिरफ्तारी न होने पर पूरे मामले पर सवाल उठ रहे हैं।

कैसे शुरू हुआ पूरा मामला — नौकरी दिलाने के नाम पर 5 लाख की माँग
जानकारी के अनुसार, SECL की बलगी परियोजना में पंप ऑपरेटर के पद पर कार्यरत दीनदयाल गुप्ता की मुलाकात पीड़िता से 20 मार्च 2025 को हुई थी। आरोप है कि दीनदयाल ने युवती को SECL में नौकरी दिलाने का लालच देकर 5 लाख रुपये की माँग की थी।
युवती ने अपनी पैतृक जमीन गिरवी रखकर 2 लाख रुपये नगद आरोपी को दे दिए, लेकिन:
न नौकरी लगी,
न पैसे वापस मिले,
उल्टा आरोपी ने 3 लाख रुपये और देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।

पैसे माँगने गई तो “रात साथ बिताने” का प्रस्ताव, विरोध किया तो जबरन शोषण की कोशिश
पीड़िता ने बताया कि जब वह अपने पैसे वापस लेने गई, तो दीनदयाल ने उसे अपने घर DQ-M-8, बलगी कॉलोनी बुलाया। वहां आरोपी ने न सिर्फ अतिरिक्त 3 लाख रुपये की माँग की, बल्कि उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव भी बनाया।
युवती के अनुसार— “उसने कहा कि एक रात साथ बिताओ, तब नौकरी लगाऊँगा।”
विरोध करने पर दीनदयाल ने कथित रूप से जबरन शोषण की कोशिश भी की।
SP के निर्देश पर FIR, फिर भी गिरफ्तारी नहीं— सवालों के घेरे में पुलिस
पीड़िता की शिकायत पर SP सिद्धार्थ तिवारी ने त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद बाकीमोंगरा थाना ने आरोपी के खिलाफ:
धारा 318(4) – ठगी
धारा 74 – महिला शोषण
के तहत FIR दर्ज की।
लेकिन FIR दर्ज हुए कई दिन बीत जाने के बाद भी दीनदयाल गुप्ता की गिरफ्तारी नहीं हुई, जिससे पुलिस पर पक्षपात और दबाव में काम करने के आरोप लग रहे हैं।
पीड़िता का आरोप— “केस वापस लो, नहीं तो फँसा देंगे”
IG बिलासपुर रेंज संजीव शुक्ला से मुलाकात के दौरान पीड़िता ने कई गंभीर आरोप लगाए—
आरोपी दीनदयाल और उसका बेटा लगातार केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
स्थानीय थाना स्टाफ भी कथित रूप से धमकी दे रहा है कि अगर केस वापस नहीं लिया, तो किसी भी मामले में फँसा देंगे।
बाकीमोंगरा थाना के कर्मचारी C.S. वैष्णव पर निजी नंबर से कॉल कर दबाव डालने का भी आरोप लगाया गया है।
युवती ने दावा किया—
“उनकी कॉल हिस्ट्री निकल जाए तो कई पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आ जाएगी।”
गिरफ्तारी न होने पर आत्मदाह की चेतावनी, सोशल मीडिया में हड़कंप
पीड़िता ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी किया है जिसमें उसने कहा—
“अगर एक सप्ताह में दीनदयाल गुप्ता को गिरफ्तार नहीं किया गया,
तो IG ऑफिस के सामने आत्मदाह कर लूंगी।”
वीडियो वायरल होने के बाद मामला प्रशासन के उच्च स्तर पर पहुँच चुका है।
पुलिस का पक्ष — निष्पक्ष जांच का भरोसा
SP सिद्धार्थ तिवारी ने कहा—
महिला संबंधित अपराधों में समझौता नहीं होगा।
निष्पक्ष जांच की जाएगी।
किसी तरह का राजनीतिक या बाहरी दबाव स्वीकार नहीं।
कानूनी प्रक्रिया अनुसार 60 दिनों में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
लेकिन सोशल मीडिया में लोग सवाल पूछ रहे हैं—
“FIR होने के बावजूद आरोपी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं?”
मामले के संवेदनशील बिंदु
क्या आदिवासी युवती की शिकायत पर एक्ट्रोसिटी एक्ट क्यों नहीं जोड़ा गया?
SECL कर्मचारी को इतनी छूट कैसे मिली?
कथित पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच कब होगी?
क्या आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है?
पीड़िता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
पूरे जिले की निगाहें अब SP कोरबा पर
यह मामला अब सिर्फ ठगी और शोषण का नहीं रह गया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली, पारदर्शिता और न्याय पर सवाल का रूप ले चुका है।
आदिवासी युवती ने जिस साहस से सामने आकर शिकायत की है, उससे न्याय दिलाना पुलिस के लिए अब एक बड़ी जिम्मेदारी बन चुका है।
अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में पुलिस क्या ठोस कदम उठाती है और पीड़िता को न्याय मिलता है या नहीं।





