बताती गाँव की ऐतिहासिक सफलता—दो सगे भाइयों मेवा लाल व संजय झारिया ने पीएससी में मारी बाजी, महरा (झारिया) समाज का बढ़ाया मान, प्रथम आगमन पर ढोल-नगाड़ों के साथ हुआ भव्य स्वागत ✨**






छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवाओं में ग्रामीण प्रतिभा का परचम—गेंराव पंचायत का बताती गाँव बना पूरे जिले का गौरव
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/कोरबा ज़िला अंतर्गत ग्राम पंचायत गेंराव के बताती गाँव ने इस वर्ष वह उपलब्धि हासिल की है, जिसने पूरे क्षेत्र को गर्व से भर दिया है।
एक ही परिवार के दो सगे भाई—मेवा लाल झारिया और संजय कुमार झारिया—ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) 2025 की परीक्षा में शानदार सफलता अर्जित कर न केवल अपने परिवार और गाँव, बल्कि पूरे महरा (झारिया) समाज का नाम रोशन किया है।

उनकी यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण भारत की प्रतिभा न क्षमता में कम है, न हौसलों में।
📌 उपलब्धि एक नजर में
नाम
रैंक
चयनित पद
निवास स्थल
मेवा लाल झारिया
178
सहायक संचालक, समाज कल्याण विभाग
ग्राम बताती
संजय कुमार झारिया
201
सीजी अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी
ग्राम बताती
मेवा लाल झारिया—178वीं रैंक के साथ “सहायक संचालक” पद पर चयन
मेवा लाल झारिया ने सतत तैयारी, अनुशासन और जुझारूपन के बल पर 178वीं रैंक हासिल की।
उनका चयन समाज कल्याण विभाग में सहायक संचालक पद पर हुआ है, जिसे प्रशासनिक सेवा का अत्यंत महत्वपूर्ण पद माना जाता है।

उन्होंने बताया कि गाँव की परिस्थितियों ने ही उन्हें समाज कल्याण के क्षेत्र में योगदान देने की प्रेरणा दी।
उनकी सफलता ग्रामीण युवाओं के लिए एक संदेश है कि संसाधनों से अधिक महत्वपूर्ण है संकल्प और निरंतर प्रयास।
संजय कुमार झारिया—201वीं रैंक, बने अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी
छोटे भाई संजय कुमार झारिया ने भी कमाल कर दिखाया।
उन्होंने पीएससी में 201वीं रैंक हासिल कर सीजी अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी के पद पर चयन प्राप्त किया है।
उनकी विश्लेषण क्षमता, आत्मविश्वास और मजबूत शैक्षणिक आधार ने उन्हें प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनाया।
दोनों भाइयों की यह संयुक्त सफलता बताती है कि परिवार में शिक्षा व अनुशासन का महत्व कितना बड़ा होता है।
🎉 बताती में जश्न का माहौल—दोनों भाइयों का ढोल-नगाड़ों, पुष्पवर्षा व उत्साह के साथ भव्य स्वागत
आज जब दोनों भाई अपने गृह ग्राम बताती पहुँचे, तो पूरा गाँव मानो उत्सव में बदल गया।
ढोल-नगाड़ों की गूंज,
बच्चों की खुशियों भरी आवाजें,
महिलाओं द्वारा तिलक व आरती,
युवाओं की उत्साहपूर्ण झाँकी,
और बुजुर्गों की दुआओं से भरा वातावरण,
गाँव को किसी बड़े सांस्कृतिक समारोह में बदल रहा था।
ग्रामीणों ने दोनों भाइयों को
फूल-मालाओं, गुलाल, पुष्पगुच्छ, शॉल और श्रीफल से सम्मानित किया।
गाँव की गलियों में स्वाभिमान और गर्व की नई ऊर्जा बहती महसूस हुई।
🌟 महरा (झारिया) समाज का बढ़ा मान—समाज ने कहा “ये हमारी सामूहिक उपलब्धि”
दोनों भाइयों की इस शानदार सफलता से संपूर्ण महरा (झारिया) समाज में खुशी की लहर है।
समाज के पदाधिकारियों और वरिष्ठ जनों ने कहा—
“मेवा लाल और संजय की सफलता ने समाज की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई दी है। यह केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत है। यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगी।”
परिवार और माता-पिता के त्याग की भी सराहना
गाँव के लोगों ने विशेष रूप से उनके परिवार को बधाई देते हुए कहा कि—
माता-पिता का संबल,
भाईचारा,
परिवार का अनुशासन,
तथा संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में भी शिक्षा को सर्वोपरि रखना,
इन सबने इस अनोखी उपलब्धि का मार्ग तैयार किया है।
📌 प्रेरणा का स्रोत—ग्रामीण युवाओं में नई ऊर्जा का संचार
इन दोनों भाइयों की सफलता ने
गेंराव पंचायत,
बताती गाँव,
आसपास के ग्रामीण युवाओं,
और पूरे महरा समाज में नई प्रेरणा जगाई है।
गाँव के युवाओं ने संकल्प लिया है कि वे भी कड़ी मेहनत कर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता अर्जित करेंगे।
**✨ निष्कर्ष :
बताती गाँव की चमकती सफलता—मेवा लाल और संजय झारिया की उपलब्धि आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा-पुंज बनेगी**
दो सगे भाइयों की संयुक्त सफलता न केवल एक परिवार का सम्मान है, बल्कि गाँव, समाज, जिले और पूरे छत्तीसगढ़ की गरिमा का प्रतीक है।
यह कहानी बताती है कि—
🌱 जहाँ मेहनत होती है, वहीं इतिहास बनता है…
🌱 और जहाँ हौसले होते हैं, वहाँ से सफलता का सूरज उगता है…





