कुसमुंडा परियोजना में फिर 6 टन कोयला चोरी पकड़ा गया – बिलासपुर नंबर की गाड़ी CG 10 BM 9236 से खुली मिलीभगत का खेल, हाईटेक कैमरे और सुरक्षा व्यवस्था फेल!





त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा। कोरबा-पश्चिम क्षेत्र की कुख्यात कुसमुंडा परियोजना में कोयला चोरी का काला खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को एक बार फिर लगभग 6 टन चोरी का कोयला रंगे हाथ पकड़ा गया। इस बार भी चोरी करने वाला ट्रक बिलासपुर नंबर की गाड़ी CG 10 BM 9236 निकला। इससे पहले भी इसी प्रकार की चार चोरी की गाड़ियां पकड़ी जा चुकी हैं, जो सभी बिलासपुर की थीं।
जानकारी के अनुसार, संदिग्ध ट्रक की जांच के दौरान उसमें 31.41 टन कोयला लोड पाया गया, जबकि वैधानिक वजन 26.30 टन ही होना चाहिए था। यानी ट्रक में लगभग 6 टन कोयला चोरी छुपाकर ले जाया जा रहा था। जैसे ही यह गड़बड़ी पकड़ी गई, चालक मौके से भाग निकला। पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है, लेकिन यह कदम केवल दिखावा माना जा रहा है।
बड़ा सवाल:
जब परियोजना में चारों ओर हाईटेक सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, तो चोरी पहले ही क्यों नहीं रोकी गई? यह साबित करता है कि कैमरे और सुरक्षा केवल कागज़ों में हैं और पूरी व्यवस्था इस गोरखधंधे में मिली हुई है।
कोयला मजदूर संघ का फूटा गुस्सा
इस घटना पर कोयला मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने खुलकर कहा:
> “हाईटेक कैमरों और सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह चोरी केवल SECL प्रबंधन, पुलिस प्रशासन और कोयला माफियाओं की मिलीभगत से ही संभव है। रोज़ करोड़ों का कोयला चोरी हो रहा है और बिना अंदरूनी सांठगांठ के परियोजना से एक कण कोयला भी बाहर नहीं जा सकता।”
संघ ने साफ चेतावनी दी है कि अगर इस बार भी बड़े अफसर और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो मजदूर सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
हर रोज कोयला चोरी हो रही है।
सुरक्षा और कैमरे केवल दिखावा हैं, सबकी जेब में कमीशन जा रहा है।
माफिया और अधिकारी मिलकर कोरबा की खदानों को लूट रहे हैं।
छोटे ड्राइवर और मजदूर बलि का बकरा बनते हैं, असली गुनहगार हमेशा बच जाते हैं।
बार-बार हो रही इस तरह की चोरी ने यह साबित कर दिया है कि कुसमुंडा परियोजना में कोयला चोरी अब खुलेआम लूट का कारोबार बन चुका है।
इस बार पकड़ा गया CG 10 BM 9236 नंबर का बिलासपुर ट्रक पूरे गिरोह की पोल खोल रहा है। यदि जिम्मेदार अधिकारियों और माफियाओं को जेल नहीं भेजा गया, तो कोरबा की जनता और मजदूर वर्ग अब चुप नहीं बैठेगा।
