कोरबा में हाथियों का आतंक: खेतों में घुसकर रौंद डाले धान के थरहे, ग्रामीणों की मेहनत पर चला जंगल का कहर




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा। ****/ कोरबा और कटघोरा वन मंडल के ग्रामीण एक बार फिर हाथियों के आतंक से सहमे हुए हैं। जंगलों में विचरण कर रहे इन विशालकाय जीवों ने अब आबादी वाले क्षेत्रों का रुख कर लिया है। जिले के जंगलों में 46 हाथियों का दल सक्रिय है, जिनमें से 5 हाथी पसान रेंज के सेमहरा सर्किल में, 27 एतमानगर रेंज के मड़ई क्षेत्र में और 14 हाथी जटगा के आसपास देखे गए हैं।
बीती रात सेमहरा के खेतों में हाथियों के दल ने उत्पात मचाते हुए दो किसानों की उम्मीदों और सपनों पर ऐसा कहर बरपाया, जिससे उनका दिल टूट गया। दोनों ग्रामीण अपने खेतों में धान के थरहे रखकर रोपाई की तैयारी कर रहे थे। लेकिन जैसे ही अंधेरे में हाथियों का दल खेतों में घुसा, उनकी महीनों की मेहनत पल भर में मिट्टी में मिल गई। धान के थरहे रौंद दिए गए और खेत की मिट्टी में तब्दील हो गए सपनों को देख किसान हताश होकर बस निहारते रह गए।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावित किसानों के नुकसान का आंकलन किया और इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपने की बात कही ताकि जल्द से जल्द मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो सके।
🌾 “हमने अपनी पूरी मेहनत से यह फसल तैयार की थी, रोपाई के लिए बस एक दिन की देरी थी… लेकिन अब सब खत्म हो गया,”– पीड़ित किसानों की आंखों में आंसू छलक आए।
वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि हाथियों का यह दल अब शांत नहीं रहा, बल्कि आबादी वाले इलाकों में पहुंचना शुरू कर दिया है। इससे वन विभाग और ग्रामीण दोनों ही चिंतित हैं।
🌿 ग्रामीणों की पीड़ा और अपील
ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथ जोड़कर आग्रह किया है कि हाथियों को गांवों से दूर रखने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते व्यवस्था नहीं की गई तो जान-माल का भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
