पाली के पास छिंदपारा मार्ग बदहाली के आंसू बहा रहा, स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा। पाली नगर से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित छिंदपारा मार्ग की दुर्दशा क्षेत्रवासियों और स्कूली बच्चों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। यह मार्ग न केवल छिंदपारा बस्ती और आसपास के रहवासियों के लिए जीवनरेखा है, बल्कि इस रास्ते से प्रतिदिन 600 से अधिक स्कूली बच्चे आवाजाही करते हैं। बदहाल सड़क अब दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढों का बनना आम हो गया है। स्कूली वाहन आए दिन इन गड्ढों में फंस जाते हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। यह सड़क बिजली ऑफिस पाली से शुरू होकर अप्रैक्स स्कूल, शासकीय प्राथमिक शाला और छिंदपारा की पूरी बस्ती को जोड़ती हुई ट्रांसपोर्ट नगर तक जाती है।
क्षेत्र के लोग बताते हैं कि यह सड़क एसईसीएल प्रभावित क्षेत्र में आती है और इस बारे में कई बार प्रबंधन को सूचित किया जा चुका है। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पत्राचार कर बार-बार मरम्मत की मांग की गई, लेकिन नतीजा शून्य रहा।
🔸 विकास की विडंबना
गौर करने वाली बात यह है कि क्षेत्र में अन्य स्थानों पर सड़क के ऊपर सड़क बनाकर विकास की गाथा लिखी जा रही है। नदी-नालों और पहाड़ों तक पहुंचने के लिए घने सड़क नेटवर्क का निर्माण हो चुका है। लेकिन पाली नगर से मात्र 200 मीटर दूर स्थित यह महत्वपूर्ण मार्ग अब तक उपेक्षा का शिकार है।
🔸 पाली महोत्सव के बाद फिर उपेक्षा
यह वही मार्ग है, जहां जिले के सबसे बड़े आयोजन पाली महोत्सव के दौरान वीआईपी पार्किंग बनाई जाती है। अधिकारी और कर्मचारी इसी रास्ते से महोत्सव स्थल तक पहुंचते हैं। लेकिन दो दिन के आयोजन के बाद सड़क पुनः अपनी बदहाली पर लौट आती है और वर्षों तक यूं ही आँसू बहाती रहती है।
🔸 विधायक का बयान
पाली तानाखार विधायक तुलेश्वर हीरा सिंह मरकाम ने इस संबंध में कहा, “जनप्रतिनिधियों द्वारा मुझे इस समस्या से अवगत नहीं कराया गया है। पूर्व में जो भी जानकारी मुझे दी गई, उनके अनुसार मैंने विकास कार्यों को स्वीकृति दी है। यह एसईसीएल प्रभावित क्षेत्र है और यहां जनसुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।”
🌿 स्थानीयों की पीड़ा और अपील
ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस मार्ग की मरम्मत की जाए, ताकि स्कूली बच्चों और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
