NMDC भर्ती को लेकर कांग्रेस की बेचैनी बेनकाब – रमेश गावड़े, बोले- सरकार में रहते एक भी भर्ती नहीं निकाली, अब युवाओं की चिंता दिखाना ढोंग



त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा राहुल ****/दंतेवाड़ा NMDC द्वारा हाल ही में जारी की गई L1 एवं L2 पदों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है। इस संबंध में जनपद पंचायत दंतेवाड़ा के उपाध्यक्ष रमेश गावड़े ने कड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि “सरकार जाते ही कांग्रेस को स्थानीय युवाओं की याद आना दिखावटी चिंता है, जबकि सत्ता में रहते उन्होंने एक भी भर्ती प्रक्रिया नहीं चलाई।”
गावड़े ने कहा कि भाजपा सरकार की स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की नीति और जनप्रतिनिधियों के लगातार प्रयासों का ही नतीजा है कि आज NMDC ने यह भर्ती निकाली है, जिससे न केवल दंतेवाड़ा बल्कि सुकमा व बीजापुर जैसे पड़ोसी जिलों के युवक-युवतियाँ भी लाभान्वित हो रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकाल में युवाओं के रोजगार के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, और अब जब भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है, तब कांग्रेसी नेताओं को “पीड़ा” हो रही है। गावड़े ने कहा कि “NMDC में कांग्रेस समर्थित संगठन इंटक की मनमानी के कारण पहले युवाओं को अवसर नहीं मिल पाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।”
गावड़े ने यह भी बताया कि भाजपा के प्रयासों से बस्तर में तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण की सुविधाएं बेहतर हुई हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को भर्ती परीक्षा में सफलता पाने में मदद मिल रही है।
उन्होंने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं – प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, विधायक चैतराम अटामी, और जिला भाजपा अध्यक्ष संतोष गुप्ता के मार्गदर्शन में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अरविंद कुंजाम ने NMDC प्रबंधन के साथ संवाद कर यह सुनिश्चित कराया है कि स्थानीय युवाओं को भर्ती में प्राथमिकता मिले।
गावड़े ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वे भर्ती प्रक्रिया को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं और युवाओं को धरना-प्रदर्शन के लिए उकसाकर गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा का उद्देश्य केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाना है, न कि श्रेय लेने की होड़ में शामिल होना।
गावड़े का यह बयान इस संदेश के साथ समाप्त हुआ कि “भाजपा की नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं — स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना। कांग्रेस ने 5 वर्षों में एक भी भर्ती नहीं की, तो अब सवाल उठाने का नैतिक अधिकार भी खो दिया है।”
