June 6, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बालको का संकल्प, कार्बन न्यूट्रैलिटी और जल सकारात्मकता लक्ष्य की ओर बढ़ाया कदम

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ बालकोनगर  विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वर्ष 2030 तक ‘नेट वाटर पॉजिटिव’ और वर्ष 2050 तक ‘नेट ज़ीरो कार्बन एमिशन’ प्राप्त करने के अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को फिर से रेखांकित किया है।

वेदांता समूह की इस प्रमुख इकाई ने मिक्स रिन्यूएबल एनर्जी के बढ़ते उपयोग, जल संरचनाओं के पुनरुद्धार और वनीकरण जैसी विविध पहलों के माध्यम से अपने प्रचालन में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को मजबूत किया है। वित्त वर्ष 2025 में बालको ने 1.6 लाख टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की। उन्नत पॉटलाइन रीलाइनिंग डिज़ाइन अपनाकर कंपनी ने प्रति मीट्रिक टन एल्यूमिनियम उत्पादन में 400 किलोवाट-घंटे तक ऊर्जा की बचत की है।

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में डिजिटलीकरण के ज़रिए कच्चे माल और तैयार उत्पादों की आवाजाही को अधिक ऊर्जा-कुशल बनाया गया है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में और कमी आई है। जल संरक्षण के क्षेत्र में कंपनी ने 5.20 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक जल का पुनर्चक्रण किया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि है। साथ ही, 28 जल संरचनाओं का पुनरुद्धार कर 39,000 घन मीटर से अधिक जल संग्रहण की क्षमता विकसित की गई, जिससे भूजल स्तर में सुधार और आसपास की कृषि को सहायता मिली है

कंपनी के सीईओ एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा, “सस्टेनेबिलिटी हमारी संचालन नीति का केंद्र बिंदु है। हम पर्यावरणीय नेतृत्व, नवीकरणीय ऊर्जा और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में समन्वित प्रयास कर रहे हैं, जिससे हम एक संतुलित और टिकाऊ औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकें।”

बालको ने खनन क्षेत्रों, ऐश डाइक और समुदायों के आसपास 52,000 से अधिक पौधे लगाकर हरित आच्छादन को बढ़ावा दिया है। साथ ही, टाउनशिप और औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट और इलेक्ट्रिक कचरा प्रबंधन वाहनों की तैनाती कर स्वच्छ और ऊर्जा-संवेदनशील परिवहन व्यवस्था को प्रोत्साहित किया गया है।

‘ट्रांसफॉर्मिंग द प्लेनेट’ संकल्प के अंतर्गत बालको ने संचालन क्षेत्रों को ऐश-फ्री बनाए रखने का बीड़ा उठाया है। फ्लाई ऐश का पुनः उपयोग ईंट और सीमेंट निर्माण, अधोसंरचना विकास, सड़क निर्माण और खदानों की भराई जैसे क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया गया है।

कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2025 में कई अभिनव हरित पहल भी की गईं, जिनमें संयंत्र परिसर को प्लास्टिक-मुक्त बनाना, इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने पर कर्मचारियों को प्रोत्साहन स्वरूप सब्सिडी देना, नेचर वॉक, स्वच्छता अभियान, जैव विविधता संरक्षण हेतु बागवानी प्रतियोगिता और पर्यावरणीय उत्सवों का आयोजन शामिल है। ये सभी प्रयास छत्तीसगढ़ की पारिस्थितिक समृद्धि और सामुदायिक सहभागिता को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर हैं।

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