May 31, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

खबरें जरा हट के

पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ में पखवाड़ा कार्यक्रम, नारी गरिमा और सांस्कृतिक मूल्यों को मिलेगा सम्मान

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर  महान लोकमाता और समाज सुधारिका पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य में 16 मई से 31 मई तक प्रदेशव्यापी पखवाड़ा कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इस आयोजन का उद्देश्य उनकी जीवन प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाना, समाज में नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, और सांस्कृतिक जागरूकता को सुदृढ़ करना है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष और स्मृति आयोजन समिति के प्रमुख श्री नारायण चंदेल ने जानकारी देते हुए बताया कि लोकमाता अहिल्या बाई का संपूर्ण जीवन मानव कल्याण और सामाजिक न्याय को समर्पित रहा है। उन्होंने न केवल शासन में न्यायप्रियता दिखाई, बल्कि महिलाओं, वंचितों और उपेक्षितों के कल्याण के लिए अनेक कार्य किए। उनके जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना इस स्मृति आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।

कार्यक्रमों की राज्यव्यापी रूपरेखा इस प्रकार तय की गई है:

  • 16-18 मई: जिला मुख्यालयों में कार्यशालाएँ आयोजित होंगी, जिनमें लोकमाता के योगदान, शासन शैली और समाज सेवा पर चर्चा की जाएगी।
  • 21-22 मई: जिला स्तर पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें उनके जीवन, ऐतिहासिक कार्यों और जनसेवा के चित्रण शामिल होंगे।
  • 23-24 मई: सभी मंडलों में मंदिरों की सफाई कर स्वच्छता अभियान के साथ जनजागरण किया जाएगा।
  • 25-26 मई: महाविद्यालयों में परिचर्चाएँ और गोष्ठियाँ आयोजित की जाएँगी, जहाँ छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा।
  • 26-27 मई: मंडल स्तर पर विचार गोष्ठियाँ होंगी, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और राजनेता भाग लेंगे।
  • 28-31 मई: जनपद पंचायतों, नगरपालिकाओं और जिला मुख्यालयों में महिला सम्मान समारोह और समापन गोष्ठी आयोजित की जाएगी।

प्रमुख वक्ता होंगे:
हर जिले में कार्यक्रमों के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे। रायपुर में संतोष पांडे, बिलासपुर में नारायण चंदेल, कोरबा में धरमलाल कौशिक, दुर्ग में खूबचंद पारख सहित 36 से अधिक जिलों में अलग-अलग वक्ता आमजन से संवाद करेंगे।

महत्वपूर्ण उद्देश्य:
इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के कार्यों को स्मरण करना मात्र नहीं, बल्कि उनके आदर्शों को अपनाते हुए समाज में नारी गरिमा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूती देना है।

सामाजिक संदेश:
यह आयोजन युवाओं, महिलाओं, छात्र-छात्राओं और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को जोड़ते हुए सामूहिक भागीदारी का उदाहरण बनेगा। आयोजन समिति की ओर से अपील की गई है कि अधिक से अधिक नागरिक इन कार्यक्रमों में भाग लें और लोकमाता के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें।

पुण्यश्लोक अहिल्या बाई होल्कर की स्मृति में आयोजित यह पखवाड़ा सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास है। उनकी दूरदर्शिता, करुणा और प्रशासनिक कुशलता आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.