कांग्रेस प्रत्याशी ने कार्यकर्ताओं के अभाव में लिया नाम वापस, बोले— सिर्फ दो लोग थे साथ
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त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा।****/ नगर निगम चुनाव में वार्ड क्रमांक 18 कोहड़िया से कांग्रेस प्रत्याशी श्री हरीश उर्फ विक्की ने निर्वाचन से अपना नाम वापस लेने का खुलासा करते हुए बयान जारी किया। उन्होंने एक वीडियो संदेश में बताया कि उन पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था, बल्कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बेरुखी और संगठन की उदासीनता के कारण उन्हें यह फैसला लेना पड़ा।
श्री हरीश ने कहा, “जब से मुझे कांग्रेस का टिकट मिला, तब से मैं केवल दो कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रचार कर रहा था। कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ताओं ने कोई सहयोग नहीं किया।” उन्होंने आगे कहा कि “निर्वाचित पार्षद नरेंद्र देवांगन के विकास कार्यों को देखते हुए मैंने स्वेच्छा से नाम वापस ले लिया।”
वार्ड 18 से नरेंद्र देवांगन निर्विरोध पार्षद बने
गौरतलब है कि वार्ड क्रमांक 18 से केवल दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे— भाजपा से श्री नरेंद्र देवांगन और कांग्रेस से श्री हरीश उर्फ विक्की। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लेने के बाद श्री नरेंद्र देवांगन निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हो गए।
भाजपा का कांग्रेस पर तंज— ‘डूबती नाव छोड़ रहे कार्यकर्ता’
इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश राठौर ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पूरी तरह से हताश हो चुकी है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कोरबा में करारी हार के बाद अब निकाय चुनाव में भी कार्यकर्ता कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं। पार्टी का अपना ही घर संभल नहीं रहा है, इसलिए उनके प्रत्याशी मैदान छोड़कर भाग रहे हैं।”
कांग्रेस जिलाध्यक्ष का दावा और भाजपा का जवाब
इससे पहले कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सपना चौहान ने पार्टी प्रत्याशी द्वारा नाम वापसी को लेकर बयान दिया था, लेकिन भाजपा ने इसे कांग्रेस की हार स्वीकार करने की निशानी बताया। भाजपा नेताओं ने कहा कि *“कांग्रेस की कमजोरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके खुद के प्रत्याशी संगठन की असफलता को स्वीकार कर रहे हैं।”
राजनीतिक माहौल गर्म, कार्यकर्ताओं में मायूसी
कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापसी के बाद कोरबा नगर निगम चुनाव में भाजपा का हौसला और बढ़ गया है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल देखने को मिल रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो रही है, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।