कोरबा मिशन कंपाउंड छले जाने का मसीही समाज ने लगाया आरोप




कोरबा पिछले कुछ दिनों से मसीही समाज में गहन रोष देखा जा रहा है ये लोग आपस में एक दूसरे से सवाल पूछ रहे है कि मसीह समाज की 100 वर्ष पुरानी जमीन को आखिर किसने छीनने का प्रयास किया हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए लोगो ने बताया हैं की कोरबा नगर के मध्य हसदेव नदी के तट से सटकर एक विशाल भू-भाग पर मसीह समाज के लोगो ने लगभग एक शताब्दी वर्ष पूर्व वहा पर अत्यंत ही मनमोहक ऐतीहासिक भवन का निर्माण कर वे वहा अपनी अराधना करते आ रहे हैं। यह पूरा कंपाउंड एक बहुत ही विशाल भू-भाग पर दो बड़े-बड़े ऐतीहासिक विद्यालय, भवन, विश्राम गृह, विशाल बगीचा, खेल मैदान समेटे हुआ हैं। समाज के लोगो का कहना हैं की इस विशाल भू-भाग पर वर्ष 1919 में मेनोनाइट चर्च स्थापित की गयी थी अंग्रेजो के जमाने से समाज के लोग उसे संरक्षित व सुरक्षित रखते संवारे हुए थे। समाज के लोगो का यह भी आरोप हैं की कतिपय जमीन दलालो की उस कम्पाउंड पर नजर टेढ़ी हैं।
मसीह समाज के लोगो ने इस ऐतीहासिक धरोहर को संरक्षित करने की अभिलाषा प्रकट करते हुए कहा हैं कि कोरबा को जमीन दलालो एवं जमीनों की अफरा-तफरी करने वालो के आतंक से मुक्ति दिलाये। जिनकी टेढ़ी नजर अब रिक्त पडी भूमि के साथ-साथ आस्था स्थलों की परंपरागत जमीनों एवं संपत्ति पर भी आ टिकी हैं।
