December 22, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

खबरें जरा हट के

प्रेमचंद के साहित्य से दलित चेतना को नई पहचान: डॉ. कुमकुम अरुण गुलहरे को पीएचडी की उपाधि

 

 

 त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/कोरबा जिले के महाराणा प्रताप नगर की निवासी डॉ. कुमकुम अरुण गुलहरे ने हिंदी साहित्य के युगद्रष्टा लेखक मुंशी प्रेमचंद के साहित्य में दलित जीवन और सामाजिक चेतना पर केंद्रित शोध कार्य पूर्ण कर पीएचडी (Ph.D.) की उपाधि प्राप्त कर जिले और शैक्षणिक जगत को गौरवान्वित किया है। यह शोध कार्य उन्होंने सुप्रसिद्ध शोध निदेशक डॉ. विद्यावती चंद्राकर के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न किया।

 

डॉ. कुमकुम का यह शोध केवल अकादमिक उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाला एक गंभीर साहित्यिक प्रयास है। अपने अध्ययन में उन्होंने प्रेमचंद की कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से उस यथार्थ को सामने रखा है, जिसमें दलित समाज लंबे समय तक शोषण, अपमान और सामाजिक विषमता का सामना करता रहा। शोध का मूल उद्देश्य समाज में संवेदनशीलता जागृत करना और दलित वर्ग के सम्मानपूर्ण उत्थान की दिशा में सकारात्मक सोच विकसित करना है।

शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. कुमकुम की भूमिका पहले से ही उल्लेखनीय रही है। वे पूर्व में कमला नेहरू महाविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में सेवाएँ दे चुकी हैं और विद्यार्थियों के बीच साहित्यिक चेतना विकसित करने में निरंतर सक्रिय रही हैं। उनके शोध में यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि प्रेमचंद का साहित्य केवल कथा नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है।

डॉ. कुमकुम का कहना है कि जिस प्रकार डॉ. भीमराव अंबेडकर और सावित्रीबाई फुले ने सामाजिक समानता और शिक्षा के माध्यम से दलित उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया, उसी तरह प्रेमचंद ने अपने साहित्य में दलित जीवन की पीड़ा, संघर्ष और आत्मसम्मान की आवाज को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। उनका यह शोध प्रेमचंद की सामाजिक दृष्टि को नए संदर्भों में समझने का अवसर प्रदान करता है।

निश्चित रूप से डॉ. कुमकुम अरुण गुलहरे का यह शोध प्रबंध न केवल प्रेमचंद साहित्य के अध्ययन को समृद्ध करेगा, बल्कि समाज निर्माण की प्रक्रिया में भी नई दिशा देगा। यह उपलब्धि शोधार्थियों, साहित्य प्रेमियों और सामाजिक चिंतकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी तथा दलित साहित्य को समझने की दृष्टि को और व्यापक बनाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.