December 22, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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हज़ारों रुपये की अवैध वसूली का आरोप: चिर्रा–एलोंग के किसानों का पटवारी राकेश पांडे के खिलाफ फूटा आक्रोश, नामजद बाइट के साथ बड़ा खुलासा

 

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/कोरबा तहसील अंतर्गत वनांचल क्षेत्र ग्राम चिर्रा एवं एलोंग में किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है। ग्रामवासियों ने पटवारी राकेश पांडे पर वन अधिकार पत्र (वन पट्टा) में रकबा बढ़ाने और धान विक्रय पंजीयन के नाम पर हजारों रुपये की अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि रुपये लेने के बाद भी रकबा नहीं बढ़ाया गया, उलटे दबाव बनाकर पंचनामा कर फाइलें खारिज कर दी गईं। यह मामला अब केवल आरोप नहीं, बल्कि नाम–राशि–माध्यम सहित सामने आए बयानों के साथ एक बड़ा प्रशासनिक सवाल बन चुका है।
किसानों के नाम, रकम और माध्यम—एक-एक बाइट के साथ आरोप

 

 

 

राकेश कुमार (किसान, चिर्रा) — ₹12,000/-
“पटवारी राकेश पांडे ने वन पट्टा में रकबा बढ़ाने के लिए बारह हजार रुपये मांगे। भरोसा दिलाया गया कि काम हो जाएगा, पर पैसा लेने के बाद भी रकबा नहीं बढ़ा। अब पूछने पर टालमटोल किया जा रहा है।”
अमर सिंह (किसान, चिर्रा) — ₹5,000/-
“मुझसे पांच हजार रुपये लिए गए। कहा गया कि बिना पैसे के प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। पैसा गया, काम नहीं हुआ—यह खुली लूट है।”
रामधन राठिया (किसान, एलोंग) — ₹10,000/- (कोटवार के माध्यम से)

 

 

“दस हजार रुपये कोटवार के माध्यम से पटवारी तक पहुंचाए गए। आश्वासन मिला कि रकबा बढ़ेगा और धान विक्रय पंजीयन में दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।”
दुखसिंह राठिया (किसान) — ₹10,000/- की मांग, नहीं देने पर कार्रवाई
“गिरधौरी के नाम पर दस हजार रुपये मांगे गए। जब मैंने देने से मना किया तो पंचनामा बनाकर मामला खारिज कर दिया गया। यह सीधा दबाव और प्रताड़ना है।”
जनप्रतिनिधियों के तीखे वर्जन—जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग
अभिमन्यु राठिया
(प्रतिनिधि-अध्यक्ष, जनपद पंचायत कोरबा)
“पटवारी द्वारा वन पट्टा में रकबा बढ़ाने के नाम पर अवैध वसूली को लेकर किसानों ने मौखिक शिकायत की है। मैंने संबंधित अधिकारियों को जानकारी देने का आश्वासन दिया है। निष्पक्ष जांच अनिवार्य है।”
अजीत दास महंत
(अध्यक्ष, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कोरबा ग्रामीण)
“अन्नदाता किसानों से अवैध वसूली किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी पटवारी पर तत्काल और कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”
उमेश्वर प्रसाद सोनी
(जिला उपाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा कोरबा | मंडल महामंत्री, भाजपा कुदमुरा मंडल)
“चिर्रा क्षेत्र से सूचना है कि वन अधिकार पत्र को धान विक्रय पंजीयन हेतु रकबा बढ़ाने के नाम पर ₹5,000 से ₹12,000 तक लिए गए। रकबा बढ़ा भी नहीं। समुचित जांच कर दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो।”
प्रशासन के सामने सीधे सवाल
जब राशि ली गई, तो काम क्यों नहीं हुआ?
कोटवार के माध्यम से पैसे लेने का आरोप—क्या इसकी जांच होगी?
पैसा न देने पर पंचनामा कर खारिज—क्या यह दुरुपयोग नहीं?
वनांचल के किसानों को बार-बार क्यों बनाया जा रहा है निशाना?
किसानों की एकजुट मांग
किसानों ने स्पष्ट कहा है कि नामजद आरोप, तय रकम और माध्यम सामने होने के बावजूद यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे लिखित शिकायत, धरना और आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
यह केवल एक पटवारी पर आरोप नहीं, बल्कि किसानों के अधिकार, सम्मान और रोज़ी-रोटी का प्रश्न है।
अब देखना होगा कि प्रशासन कब और कैसे कार्रवाई करता है—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा।

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