नीलकंठ कंपनी में बाहरी लोगों की भरमार! स्थानीय युवाओं की उपेक्षा पर भड़की छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना, प्रदर्शन शुरू होते ही पुलिस ने धड़ाधड़ किया गिरफ्तार






त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/कोरबा। स्थानीय बेरोजगारों को नीलकंठ कंपनी में नौकरी से वंचित किए जाने के आरोपों पर आज छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना ने जबरदस्त तेवर दिखाते हुए कंपनी के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया। सुबह-सुबह गेट जाम की तैयारी कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बिना देर किए घेराबंदी कर बसों में ठूंस-ठूंसकर कुसमुंडा थाने ले जाया, जिससे माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया।
संगठन के सदस्यों ने कंपनी पर स्थानीय युवाओं से खुली धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि—
“आश्वासन देने के बावजूद न पुलिस सत्यापन, न स्थानीय ड्राइवरों की नियुक्ति! कंपनी बाहरी राज्यों से लगातार लोगों को बुला रही है, और कोरबा के युवाओं के साथ जुल्म कर रही है।”
गेट जाम की सूचना पहले से होने के कारण भारी पुलिस बल तैनात था, जिसने प्रदर्शन शुरू होते ही कार्यकर्ताओं को चारों ओर से घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस की कार्रवाई इतनी तेज़ थी कि कई कार्यकर्ता नारे तक नहीं लगा पाए और उन्हें सीधे बसों में बिठाकर थाने ले जाया गया।
स्थिति यह है कि कुसमुंडा थाना परिसर के बाहर बड़ी संख्या में संगठन के समर्थक जुटने लगे हैं। संगठन ने साफ चेतावनी दी है—
“अगर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने पर अब भी ठोस निर्णय नहीं हुआ तो आंदोलन अबकी बार शांत नहीं रहेगा। यह लड़ाई निर्णायक होगी।”
कलेक्टर, एसडीएम, एसपी, एसईसीएल प्रबंधन और नीलकंठ कंपनी को पहले ही पत्र भेजकर आगाह किया गया था। बावजूद इसके, प्रशासन ने शांतिपूर्ण आंदोलन को बलपूर्वक रोकने का फैसला लिया, जिससे आक्रोश और बढ़ गया है।
अब पुलिस भी हालात पर कड़ी निगरानी रखे हुए है, क्योंकि आंदोलन उग्र रूप ले सकता है।
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स्थानीय रोजगार की मांग को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना का आंदोलन, पुलिस ने कार्यकर्ताओं को लिया हिरासत में
कोरबा। नीलकंठ कंपनी में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के कार्यकर्ताओं ने आज कंपनी गेट के पास प्रदर्शन किया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संगठन के सदस्यों ने गेट जाम करने की तैयारी की, लेकिन पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोकते हुए सभी को हिरासत में ले लिया और बसों से कुसमुंडा थाने पहुंचाया।
संगठन ने आरोप लगाया कि नीलकंठ कंपनी ने पूर्व में स्थानीय युवाओं को नौकरी देने और पुलिस सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक न तो सत्यापन हुआ और न ही सूचीबद्ध स्थानीय ड्राइवरों को नियुक्त किया गया। इसके बजाय अन्य राज्यों से ड्राइवर बुलाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं में नाराजगी है।
थाने में प्रदर्शनकारियों से पूछताछ की जा रही है। वहीं, कुसमुंडा थाना परिसर के बाहर भी अन्य कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचने लगे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
संगठन का कहना है कि शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद भी पुलिस की कार्रवाई उचित नहीं थी, और यदि जल्द ही स्थानीय युवाओं के रोजगार संबंधी मुद्दों पर समाधान नहीं निकला तो आंदोलन आगे भी जारी रखा जाएगा।





