रवि शंकर शुक्ला नगर की महिलाओं ने मनाया अनूठा सावन उत्सव — गेम्स, सौंदर्य प्रतियोगिता और स्वादिष्ट व्यंजन बने आकर्षण का केंद्र




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा। सावन की रिमझिम फुहारों के बीच रवि शंकर शुक्ला नगर की गोकुलधाम महिला समिति द्वारा सावन उत्सव का भव्य आयोजन टीपी नगर स्थित ब्लू डायमंड होटल में हर्षोल्लास, उमंग और छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक भावनाओं के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर ने महिलाओं की सौंदर्य, सामूहिकता और सांस्कृतिक चेतना को एक ही मंच पर साकार कर दिखाया।
हरे परिधानों में सजी महिलाएं, हरियाली सी छाया उत्सव
कार्यक्रम की शुरुआत सभी महिलाओं के पारंपरिक स्वागत के साथ हुई। हरे परिधान, फूलों की सजावट और पारंपरिक श्रृंगार में सजी महिलाओं ने जैसे ही कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया, संपूर्ण वातावरण हरियाली की ताजगी और उल्लास से भर गया।
मनोरंजन और सहभागिता से सजी रंगारंग गतिविधियां
उत्सव में महिलाओं के लिए अनेक मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया, जिनमें सावन-थीम्ड क्विज, रस्साकशी, पेपर डांस, नींबू-चम्मच दौड़ आदि शामिल रहीं। सभी ने बड़े उत्साह और उमंग से भाग लेते हुए कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
‘सावन सुंदरी’ प्रतियोगिता रही मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही — ‘सावन सुंदरी प्रतियोगिता’। सभी प्रतिभागियों के नामों की चिट बनाकर लकी ड्रॉ प्रणाली के माध्यम से विजेताओं का चयन किया गया, जिससे चयन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रही।
🏆 विजेता प्रतिभागी:
🔹 प्रथम स्थान — अनीता राव
🔹 द्वितीय स्थान — मीनाक्षी शर्मा
🔹 तृतीय स्थान — नेहा सिन्हा
इन विजेताओं को नीलू राय द्वारा विशेष उपहार भेंट किए गए, जिससे उनका उत्साह दोगुना हो गया और पूरे आयोजन को एक यादगार क्षण प्राप्त हुआ।
गीत, नृत्य और स्वाद का मनोहारी संगम
इस अवसर पर महिलाओं ने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों और सावन गीतों पर मनभावन नृत्य प्रस्तुत किए। समूह नृत्य और व्यक्तिगत प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। संगीत, ठहाकों और उल्लास के बीच हर चेहरा मुस्कान से दमक रहा था।
कार्यक्रम के समापन पर सभी ने मिलकर पारंपरिक छत्तीसगढ़ी और उत्तर भारतीय व्यंजनों का स्वाद लिया। पूड़ी-कढ़ी, खीर, पकोड़ी, नींबू पानी सहित अन्य स्वादिष्ट पकवानों ने उत्सव की मिठास को और गहरा कर दिया।
सांस्कृतिक चेतना और नारी सशक्तिकरण की मिसाल
गोकुलधाम महिला समिति द्वारा आयोजित यह सावन उत्सव नारी सशक्तिकरण, सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल सिद्ध हुआ। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो न केवल उत्सव भव्य होते हैं, बल्कि समाज को सकारात्मक संदेश भी मिलता है।
