जीवन के हर परिस्थितियों में माता पिता ही मार्गदर्शक होते है :तरन्नुम…





इंडिया24टुडे वेबडेस्क।
सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ जिले के तहसील सारंगढ़ की रहने वाली 20 वर्ष की तरन्नुम शेख ने कम उम्र में ही दो ऐसे किताब लिख डाले जिसके चर्चे शुमार हो रहे हैं। तरन्नुम के अपने लिखे दो किताब “अल्फाज-ए -तरन्नुम” और “जीवन मे माता पिता की अहमियत” बहुत कुछ बयां कर रही है। तरन्नुम के लिखे इन किताबो में हमारे जीवन में माता पिता के स्थान को ही सर्वोपरी बताया है।

तरन्नुम बताती हैं कि उसने अपनी इस किताब में माता-पिता की अहमियत को दर्शाने की कोशिश की है। कैसे ज़िन्दगी के हर राह में माता-पिता ही हमारा साथ निभाते हैं। हमारे जीवन में सर्वश्रेष्ठ स्थान हमारे माता-पिता का ही होता है। ज़िन्दगी के हर राह में हमारा सही मार्गदर्शन कर हमें हमारी मंजिल की ओर अग्रसर करने वाले भी माता-पिता हैं। हमारी मुसीबतों से लड़ने वाले, हर हालातों में हमारे साथ खड़े रहने वाले, वो केवल हमारे माता-पिता ही होते हैं। तरन्नुम कहती हैं अपनी इस किताब के अंतर्गत बचपन से बुढ़ापे तक माता-पिता की अहमियत को भावपूर्ण अपने कविता के माध्यम से अभिव्यक्त करने की कोशिश उन्होंने की हैं, कि कैसे जीवन के हर चरण में हमें अपने माता-पिता के साथ की जरूरत होती हैं, जिसको तरन्नुम ने अपने जीवन के अब तक के कुछ अनुभवों को और कुछ दूसरों के जीवन से प्रेरणा लेकर और कुछ काल्पनिक बातों का समावेश कर हमारे जीवन में माता-पिता की अहमियत को बताने की एक छोटी सी कोशिश की हैं।

तरन्नुम का जीवन परिचय….
तरन्नुम शेख का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के सारंगढ़ में हुआ हैं। उनके वालिद जनाब मोहम्मद खलील (पिता) और उनकी वालिदा नाजनीन शेख (माता) हैं, इनकी उम्र 20 वर्ष हैं। शिक्षा में इन्होंने इस वर्ष अपना बीएससी पूर्ण किया है और आगे की शिक्षा ग्रहण करने में कार्यरत है। इन्होंने अपनी जिंदगी में सब कुछ उनके वालिद( पिता) से ही सीखा है, क्योंकि तरन्नुम उन्हें अपना एक अच्छा दोस्त भी मानती हैं। और यही कारण है कि तरन्नुम पहली बार जब लिखने की शुरुआत की तो उन्होंने अपने पिता के लिए ही लिखा था। और अब दो अच्छी किताबे जो तरन्नुम ने लिखी है पिता और माता को लेकर भाव व्यक्त कलम से की है।
