July 21, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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घर में सजी माता रानी की दिव्य चौकी: चैत्र नवरात्रि की भक्ति में लीन परिवार

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/   चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ इस बार भी पूरे श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ हमारे घर में हुआ। माता रानी की स्थापना के साथ ही पूरे घर का वातावरण भक्तिमय हो गया। हर साल की तरह इस बार भी परिवार ने देवी माँ के स्वागत में घर को मंदिर जैसा सजाया, जहाँ अखंड ज्योति, कलश स्थापना और ज्वार बोने की विधियों का पूर्णतः पालन किया गया। माता रानी की कृपा से घर में अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा है, जिससे पूरे वातावरण में दिव्य ऊर्जा व्याप्त हो गई है।


घर में कलश स्थापना: सुख-समृद्धि का शुभ संकल्प

नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक कलश स्थापना की गई। यह कलश माँ दुर्गा की उपस्थिति का प्रतीक होता है, जो नौ दिनों तक घर में सकारात्मक ऊर्जा और मंगलकामनाओं का संचार करता है।

कलश स्थापना की पद्धति:

शुभ मुहूर्त में स्थापना: स्नान के बाद स्वच्छ स्थान पर कलश रखा गया।
गंगाजल से पवित्रता: कलश में गंगाजल, आम के पत्ते, दूर्वा, सुपारी और सिक्के डाले गए।
नारियल और लाल वस्त्र: कलश के ऊपर नारियल रखकर लाल वस्त्र से उसे आवृत किया गया और माँ की कृपा का आह्वान किया गया।


अखंड ज्योति प्रज्वलन: भक्ति का प्रकाश नौ दिनों तक

घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई, जो माता रानी की कृपा का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता है कि यह ज्योति घर में सुख, समृद्धि और शांति बनाए रखती है।


ज्वार (जवारे) बोना: नवजीवन और शुभता का प्रतीक

मिट्टी की वेदी में जौ (जवारे) बोए गए, जिन्हें श्रद्धा के साथ नौ दिनों तक जल अर्पित किया जाएगा। ज्वार का अंकुरण माता की कृपा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।


नवरात्रि के नौ दिनों की विशेष पूजा एवं आराधना

हर दिन माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाएगी, जिससे साधक को आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है।

1️⃣ माँ शैलपुत्री – जीवन में स्थिरता और आत्मबल प्रदान करने वाली देवी। सफेद पुष्प और घी का दीपक अर्पित किया गया।
2️⃣ माँ ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम की प्रतीक। पंचामृत और चीनी का भोग चढ़ाया गया।
3️⃣ माँ चंद्रघंटा – शांति और शक्ति का प्रतीक। दूध और दूध से बने प्रसाद का अर्पण।
4️⃣ माँ कूष्मांडा – सृजन और ऊर्जा का संचार करने वाली देवी। कद्दू (कुम्हड़ा) और मालपुए का भोग।
5️⃣ माँ स्कंदमाता – मातृत्व और करुणा की देवी। केले का भोग अर्पित किया गया।
6️⃣ माँ कात्यायनी – राक्षसों का संहार करने वाली माँ। श्रृंगार सामग्री अर्पित की गई।
7️⃣ माँ कालरात्रि – अज्ञानता और नकारात्मकता को दूर करने वाली देवी। गुड़ और काले तिल का प्रसाद।
8️⃣ माँ महागौरी – सौंदर्य और शुद्धता की देवी। हलवा-पूरी और नारियल का भोग।
9️⃣ माँ सिद्धिदात्री – सिद्धियों की दात्री। नौ अनाजों का भोग और हवन किया गया।


घर में भक्तिमय माहौल और पारिवारिक सहभागिता

पूरे परिवार ने एक साथ माता रानी की पूजा-अर्चना की। भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। माता की चौकी पर अखंड भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों ने भाग लिया।


नवरात्रि का आध्यात्मिक संदेश

नवरात्रि केवल उपवास और पूजा का पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आत्मसंयम का भी अवसर है। यह नवदुर्गा की साधना का पर्व है, जिसमें संयम और भक्ति के द्वारा आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त की जाती है।

माता रानी की कृपा सभी पर बनी रहे। जय माता दी!

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