प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में जल संरक्षण, योग और खेलों में बढ़ती भागीदारी पर दिया जोर




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने चर्चित मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण, खेलों में बढ़ती भागीदारी, योग, टेक्सटाइल वेस्ट के पुनर्चक्रण और भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने चैत्र नवरात्रि और नववर्ष विक्रम संवत 2082 की शुभकामनाएँ दीं और भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं पर प्रकाश डाला।
गर्मी की छुट्टियों में कौशल विकास पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने युवाओं और बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों को उत्पादक बनाने की सलाह दी। उन्होंने सुझाव दिया कि वे इस समय का उपयोग नए कौशल सीखने, सामाजिक कार्यों में भाग लेने और स्वयंसेवी गतिविधियों से जुड़ने के लिए करें। उन्होंने ‘माय हॉलिडे’ अभियान का जिक्र करते हुए संगठनों और स्कूलों से ग्रीष्मकालीन गतिविधियों को साझा करने की अपील की।
जल संरक्षण की आवश्यकता और सफलता की कहानियाँ
प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया और कहा कि हमें वर्षा जल संचयन की दिशा में सक्रिय कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले 7-8 वर्षों में देशभर में जल संरक्षण के प्रयासों से 11 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित किया गया है। उन्होंने कर्नाटक के गडग जिले के ग्रामीणों का उदाहरण दिया, जिन्होंने सामूहिक प्रयासों से सूखी झीलों को पुनर्जीवित किया है।
खेलो इंडिया और फिट इंडिया आंदोलन की सफलता
प्रधानमंत्री ने ‘खेलो इंडिया पैरा गेम्स’ का उल्लेख करते हुए बताया कि इस वर्ष इसमें पिछली बार की तुलना में अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में 18 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बने, जिनमें से 12 रिकॉर्ड महिला खिलाड़ियों ने बनाए। उन्होंने दिल्ली में आयोजित ‘फिट इंडिया कार्निवाल’ का भी जिक्र किया, जिसमें 25,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव और संगीत में पारंपरिक कला का समावेश
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करते हुए अपनी मॉरिशस यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मॉरिशस और गुयाना में भारतीय प्रवासी अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संजोकर रखे हुए हैं। उन्होंने वहाँ प्रस्तुत किए गए ‘गीत गवई’ और ‘चौताल’ की प्रशंसा की। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय रैपर ‘हनुमानकाइंड’ की तारीफ की, जिन्होंने अपने संगीत में पारंपरिक भारतीय मार्शल आर्ट्स जैसे कलारिपयट्टू, गतका और थांग ता को सम्मिलित किया है।
टेक्सटाइल वेस्ट के पुनर्चक्रण में भारत की पहल
प्रधानमंत्री ने टेक्सटाइल वेस्ट की समस्या पर चिंता जताई और बताया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल वेस्ट उत्पादक देश है। हालांकि, कई स्टार्टअप और पर्यावरण प्रेमी इस समस्या के समाधान में जुटे हैं। उन्होंने हरियाणा के पानीपत शहर का उदाहरण दिया, जहाँ पुराने जूते-चप्पलों और कपड़ों को रिसाइकल कर नए उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे सतत फैशन को बढ़ावा मिल रहा है।
योग और आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता
प्रधानमंत्री ने 21 जून को आने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ का जिक्र करते हुए योग और आयुर्वेद को जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि चिली में ‘सोमोस इंडिया’ नामक संगठन योग और आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
महुआ फूलों से बने उत्पादों की लोकप्रियता
प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में महुआ के फूलों से तैयार किए जा रहे खाद्य उत्पादों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि राजाखोह की चार बहनों द्वारा बनाए गए महुआ बिस्किट काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इसी तरह, तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में भी महुआ के फूलों से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लोग पसंद कर रहे हैं।
गुजरात के ‘कृष्ण कमल’ फूल का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास उगने वाले ‘कृष्ण कमल’ फूल की सुंदरता का भी उल्लेख किया और कहा कि यह अपनी अनोखी बनावट और रंगों के कारण लोगों को आकर्षित करता है।
भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री निवास में सुनी ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 120वीं कड़ी को रायपुर के मुख्यमंत्री निवास में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुना। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक पुरंदर मिश्रा, वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष बाफना और ‘शक्ति स्वरूपा बेटियों’ के साथ अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों से अपील की कि वे जल संरक्षण, फिटनेस, योग, संस्कृति और सतत विकास की दिशा में योगदान दें, जिससे भारत आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बन सके।
