“बेजुबानों पर न बरसाएं रंग, होली प्रेम और करुणा से मनाएं”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/, 13 मार्च 2025: होली रंगों और खुशियों का त्योहार है, लेकिन यह खुशियां हमारे साथ-साथ बेजुबान जानवरों के लिए भी होनी चाहिए। स्नेक कैचर अतुल सोनी ने आम जनता से संवेदनशील और सुरक्षित होली खेलने की अपील करते हुए कहा कि कुत्तों, बिल्लियों, गायों, पक्षियों और अन्य जानवरों पर रंग डालने से उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।
जानवरों के लिए होली के रंग क्यों घातक हैं?
रंगों में मौजूद रासायनिक तत्व (केमिकल्स) जानवरों के लिए कई तरह की बीमारियों और परेशानियों का कारण बन सकते हैं—
1️⃣ त्वचा और आंखों में जलन: रंगों के रसायन उनकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आंखों में जलन पैदा कर सकते हैं।
2️⃣ खाने में मिलावट: रंग अगर उनके खाने या पानी में मिल जाए, तो जहरीला असर डाल सकता है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।
3️⃣ सांस की दिक्कत: पाउडर वाले रंग उनके फेफड़ों में जाकर दम घुटने या सांस की तकलीफ पैदा कर सकते हैं।
क्या करें?
✔️ जानवरों को जबरदस्ती रंगने से बचें और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें।
✔️ यदि किसी जानवर पर रंग लग जाए, तो गीले कपड़े से धीरे-धीरे साफ करें।
✔️ पशु प्रेमियों और स्थानीय प्रशासन को इस विषय पर जागरूक करें और उचित कदम उठाने की अपील करें।
✔️ होली को प्यार, सम्मान और करुणा के साथ मनाएं ताकि हर जीव इस त्योहार की खुशी महसूस कर सके।
“रंगों का त्योहार, खुशियों की बहार – जानवरों से करें प्यार!”
इस होली खुद भी संवेदनशील बनें और दूसरों को भी प्रेरित करें ताकि यह त्योहार हर जीव के लिए सुखद और सुरक्षित रहे।
