July 31, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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कटघोरा के जवाली उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने 20 दिन से जलभराव – मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़, जिम्मेदार मौन!

त्रिनेत्र टाइम्स कटघोरा।
कटघोरा विकासखंड के ग्राम जवाली स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र के सामने पिछले 20 दिनों से घुटनों तक पानी जमा है, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बारिश के कारण मुख्य सड़क से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक लगभग 50 मीटर का रास्ता पानी से डूबा हुआ है। इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण मरीज, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग झेल रहे हैं।

जलभराव के कारण मरीज बेहाल
तेज बारिश के समय हालात और बिगड़ जाते हैं। वृद्ध और महिला मरीजों को पानी में पैदल चलकर स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ रहा है। प्रभावित ग्रामीण तीजराम चौकसे (63 वर्ष, अधिवक्ता – कटघोरा) ने बताया कि उन्हें अपनी मोटरसाइकिल मुख्य सड़क पर खड़ी कर पानी में पैदल चलकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना पड़ा। उनका कहना है कि यह समस्या लंबे समय से है लेकिन स्थाई समाधान नहीं हुआ है।

केंद्र की महत्त्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित
भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत संचालित इस उप स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं की जांच, संस्थागत प्रसव के लिए परामर्श, प्रसवोत्तर देखभाल, नवजात शिशुओं की देखरेख, बच्चों का नियमित टीकाकरण, कुपोषण की पहचान, परिवार नियोजन, सामान्य बीमारियों का उपचार (बुखार, दस्त, खांसी, त्वचा रोग), राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम (टीबी, मलेरिया, डेंगू, कुष्ठ रोग, एड्स, हृदय रोग आदि) सहित स्वास्थ्य जागरूकता संबंधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

जिम्मेदारों को दी जा चुकी है सूचना
उप स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एएनएम, एमपीडब्ल्यू, मितानिन कार्यकर्ता और आरएचओ कर्मचारियों द्वारा इस गंभीर समस्या की सूचना ग्राम प्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों को मौखिक रूप से दी गई है। बावजूद इसके जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई, जिससे मरीजों की जान खतरे में है।

ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि तत्काल नाला और जल निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं तक सुरक्षित पहुंच मिल सके और केंद्र का कार्य बाधित न हो।

20 दिनों से जारी जलभराव न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा बन रहा है बल्कि यह जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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