“लगातार बारिश से कोरबा जिले में जनजीवन प्रभावित – एनीकट डूबने से पांच मार्ग बंद, 20 से अधिक गांवों का संपर्क टूटा”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा जिले में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदी-नाले उफान पर हैं और कई जगहों पर पुल-पुलिया पानी में डूब जाने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। सबसे बड़ी समस्या उन ग्रामीणों के सामने है जिनका मुख्य संपर्क मार्ग बारिश और बाढ़ के पानी में डूब जाने से बंद हो गया है।
बीते 24 घंटे में जिले में औसतन 71.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि 48 घंटे में 101 मिमी बारिश हो चुकी है। सावन के पहले पखवाड़े में यह सबसे ज्यादा बारिश बताई जा रही है। बरपाली तहसील में 144.5 मिमी की भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
5 मार्गों पर आवाजाही बंद, ग्रामीण परेशान
लगातार बारिश से सोन नदी का एनीकट डूब गया है। इसके चलते नोनबिर्रा-रामपुर मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा। लोग जान जोखिम में डालकर पुल के ऊपर से गुजरते दिखे। छिंदई नाला पुल और सेंद्रीपाली के पास पुल के ऊपर पानी बहने से इन रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
सिवनी से सुखरीकला मार्ग पर जमड़ीनाला का पानी दूसरे दिन भी कम नहीं हुआ, जिससे ग्रामीणों को 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।
लीलागर नदी के डूबे पुल से 20 गांव कटे
लीलागर नदी में बना पुल डूब जाने से 20 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है। वहीं मांड नदी में आई बाढ़ से कुदमुरा-बरपाली मार्ग भी जलमग्न हो गया।
श्यांग मार्ग पर पवासी नाला पुल के ऊपर से पानी बहने लगा, जबकि हुकरा नाला पुल और सड़क दोनों डूब गए। यहां के ग्रामीणों को 20 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है।
पाली ब्लॉक और सीपत मार्ग का संपर्क टूटा
हरदीबाजार-रेंकी मार्ग पर लीलागर नदी का पुल डूब जाने से आवागमन बंद हो गया।
नेवसे-हरदीबाजार मार्ग पर पुल के ऊपर 4 फीट पानी बह रहा है। इस वजह से पाली ब्लॉक मुख्यालय का संपर्क भी टूट गया है। इस मार्ग से सीपत की ओर जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी हो रही है।
जिले के अंतिम छोर में स्थित सुखरीकला, सुखरीखुर्द और अमलडीहा गांव का संपर्क भी टूट गया है। यहां के लोग 5 किलोमीटर घूमकर निकल रहे हैं।
कहां कितनी बारिश हुई
तहसील बारिश (मिमी में)
कोरबा 52.5
अजगरबहार 30
उरगा 80.0
करतला 35.0
बरपाली 144.5
कटघोरा 75.9
दीपका 58.3
दर्री 30.4
पाली 57.6
हरदीबाजार 64.4
पोड़ी-उपरोड़ा 132.6
पसान 97.0
नहरों के गेट बंद, सिंचाई की मांग नहीं
भारी बारिश के कारण जिले में सिंचाई के लिए पानी की मांग बंद हो गई है। इस वजह से नहरों के गेट बंद कर दिए गए हैं। यह पहली बार हुआ है कि बरसात के बीच में नहर बंद करनी पड़ी।
दर्री बराज से 14678 क्यूसेक पानी छोड़ा
लगातार बारिश से दर्री बराज का जलस्तर बढ़ गया है। गेट नंबर 4 और 7 खोलकर 14678 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बांगो बांध का भराव स्तर 61.30% पहुंच गया है। जलस्तर 352.50 मीटर है और पूरी क्षमता तक पहुंचने में 7 मीटर बाकी है।
नदी-नालों के उफान और रास्तों के बंद होने से ग्रामीण इलाकों में लोग घरों में कैद हो गए हैं। जनजीवन पर इसका असर अगले कुछ दिनों तक रहने की आशंका जताई जा रही है।
