मीडिया सम्मान परिवार: डिजिटल पत्रकारों के हक की बुलंद आवाज




छत्तीसगढ़ में डिजिटल मीडिया के संरक्षण की ऐतिहासिक पहल, ग्रिड के अधिकार की लड़ाई को नई दिशा
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ रायपुर | डिजिटल पुरातत्व की आवाज़ को संग्रहालय प्रस्तुति के लिए “मीडिया सम्मान परिवार” ने पिछले तीन महीनों में पत्रकारिता जगत में एक ऐतिहासिक आंदोलन खड़ा किया है। यह संगठन डिजिटल मीडिया और पोर्टल्स न्यूज को अपने अधिकार के लिए सशक्त बनाता है और अब छत्तीसगढ़ सरकार की विज्ञापन नीति में सुधार की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।
संघर्ष की शुरुआत और संगठन का निर्माण
05 दिसंबर 2024 को स्थापित “मीडिया सम्मान परिवार” की स्थापना छत्तीसगढ़ में डिजिटल मीडिया के लिए सरकारी विज्ञापन वितरण प्रणाली सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत खुलासा हुआ कि कुछ पोर्टलों को बिना किसी मानक के ₹40,000 से ₹50,000 तक का मासिक भुगतान किया जा रहा था।
इस छात्र के विरोध में आईएएस रवि मिख्ख को पत्र में साझीदार नीति की मांग की गई। इसके बाद ऑर्गनाइजेशन ने “जीरो विरोध अभियान” शुरू किया, जिसके माध्यम से सरकार की विज्ञापन नीति की साज़िश को उजागर किया गया।
बिना पद-व्यवस्था के उपकरण संगठन
“मीडिया सम्मान परिवार” की सबसे बड़ी फिल्म यह है कि इसमें कोई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या सचिव नहीं है। संगठन को सभी सदस्य समूह संचालित करते हैं, जिससे संगठन का निर्माण होता है।
इसके अंतर्गत चार प्रमुख समितियाँ संगीत की लहरें चली गयीं:
- पुरानी समिति (21 सदस्य) -संगठन के महत्वपूर्ण निर्णय हेतु।
- जाँच समिति (11 सदस्य) – किसी भी समस्या या विवाद की सलाह जाँच के लिए।
- कार्यालय प्रभारी (1 सदस्य) -कार्यालय प्रबंधन के लिए।
- सह कार्यालय प्रभारी (2 सदस्य) – सहयोग एवं सहायता प्रदान करने के लिए।
परिचय: एकता सम्मेलन की ऐतिहासिक गूँज
25 फरवरी 2025 को भरनी-परसदा, बिलासपुर में “मीडिया सम्मान परिवार” ने अपना पहला परिचय सम्मेलन आयोजित किया। इस ऐतिहासिक समारोह में 100 से अधिक डिजिटल पत्रकार, सोशल मीडिया लीडर और संपादक शामिल हुए।
इस सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि डिजिटल पत्रकार अब सरकार से अपने अधिकार में सक्षम हैं और उन्हें अब वैध नहीं किया जा सकता है।
विधानसभा में गूंजी डिजिटल मीडिया की आवाज
“मीडिया सम्मान परिवार” का प्रभाव क्षेत्र में भी देखने को मिला। पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक भावना बोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संवाद और डिजिटल मीडिया के अधिकारों को लेकर विधानसभा क्षेत्र में उठाव किया जा रहा है।
इसके बाद, 22 मार्च 2025 को पत्र स्केच एमएसपी/017 के माध्यम से संगठन ने नेता भावना बोहरा को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद पत्र भेजा।
भविष्य की योजनाएँ और संघर्ष की राह
✅ सरकारी विज्ञापन नीति में सुधार की मांग – सरकारी विज्ञापन नीति बनाने का प्रयास जारी।
✅छत्तीसगढ़ संवाद में हो रहे हैं शामिल की जांच -छात्रों को शामिल करने के लिए लगातार प्रयास। वित्तीय सहायता योजना के लिए
✅ वित्तीय सहायता योजना – वित्तीय सहायता के लिए वित्तीय सहायता योजना। ✅ संगठन का प्रदेशभर में विस्तार – छत्तीसगढ़ के हर जिले में “मीडिया सम्मान परिवार” की इकाई बनेगी।
निष्कर्ष: ऐतिहासिक आंदोलन की एकता
“मीडिया सम्मान परिवार” अब सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि डिजिटल सत्ता की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। बिना किसी पद-व्यवस्था के, केवल तीन महीने में 200 से अधिक डिजिटल रेडियो को एक मंच पर लाया गया, इस संगठन ने यह साबित किया कि यदि उद्देश्य स्पष्ट हो और एकता बनी रहे, तो परिवर्तन संभव है।
