July 20, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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सरायपाली खदान गोलीकांड के बाद सुरक्षा कड़ी, भू-विस्थापितों ने मांगी ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी

त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा। ****/ एसईसीएल (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की सरायपाली परियोजना में ट्रांसपोर्टेशन के वर्चस्व को लेकर हुए विवाद के बाद ट्रांसपोर्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया, जिसके चलते पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है, जबकि दूसरी ओर, स्थानीय भू-विस्थापितों ने कोयला ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी वापस सौंपने की मांग उठाई है।

गोलीकांड के बाद तनाव, पुलिस बल तैनात

सरायपाली खदान के गेट पर शुक्रवार रात हुए गैंगवार में ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की हत्या के बाद शनिवार को क्षेत्र में तनाव की स्थिति रही। हालांकि, पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी करने और भीड़ को समझाने के बाद नगर में स्थिति सामान्य हो गई। बावजूद इसके, एहतियात के तौर पर नगर के प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और कथित आरोपियों के घरों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

सरायपाली खदान में त्रिपुरा रायफल्स के जवानों की तैनाती

एसईसीएल प्रबंधन ने सरायपाली खदान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर दी है। त्रिपुरा रायफल्स के जवानों को सुरक्षा ड्यूटी पर लगाया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।

भू-विस्थापितों की मांग – हमें मिले कोयला ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी

गोलीकांड की घटना के बाद स्थानीय भू-विस्थापितों ने खदान में शांति बहाली और पुराने समझौते के आधार पर कोयला ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपने की मांग की है। रविवार को भू-विस्थापित संघ के अध्यक्ष तीरथ केशव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने खदान पहुंचकर प्रबंधन से इस विषय पर चर्चा की। प्रबंधन ने सोमवार को बैठक कर इस पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

भू-विस्थापितों से ट्रांसपोर्टेशन कराने की थी योजना, लेकिन ठेका बाहरी लोगों को मिला

भू-विस्थापित संघ का कहना है कि सरायपाली खदान खुलने के समय उन्होंने पांच महीने तक आंदोलन किया था, जिसके बाद सहकारी समिति (को-ऑपरेटिव सोसाइटी) के माध्यम से कोयला ट्रांसपोर्टेशन का कार्य भू-विस्थापितों को सौंपने की योजना बनी थी। एसईसीएल के कॉर्पोरेट अफेयर्स डिपार्टमेंट द्वारा 30 मई 2018 को जारी पत्र के अनुसार, फंक्शनल डायरेक्टर्स की बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई थी। तत्कालीन कोरबा कलेक्टर अब्दुल कैसर हक की मौजूदगी में त्रिपक्षीय वार्ता में भी इसे लेकर सहमति बनी थी।

हालांकि, शुरुआती तौर पर खानापूर्ति की गई, लेकिन बाद में अधिकारियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया। 26 मई 2020 को एसईसीएल ने ओपन ई-टेंडर निकालकर बड़े और बाहरी ट्रांसपोर्टरों को ठेका दे दिया, जिससे स्थानीय लोगों को बड़ा झटका लगा। अब जब इस ठेके को लेकर हिंसा बढ़ गई है, तो भू-विस्थापितों ने पुनः अपने अधिकार की मांग उठाई है।

पुलिस ने 16 आरोपियों को भेजा जेल, मुख्य आरोपी अभी भी फरार

गोलीकांड की जांच कर रही पुलिस ने ट्रांसपोर्टर की हत्या के मामले में दूसरे ट्रांसपोर्टर ग्रुप के 16 लोगों को नामजद आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शनिवार को गिरफ्तार सभी 16 आरोपियों को जेल भेज दिया है।

इसके अलावा, पुलिस के मुताबिक, इस मामले में कुल 30 लोगों की संलिप्तता पाई गई है, जिसमें सरायपाली खदान के सब एरिया मैनेजर का नाम भी शामिल है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही सब एरिया मैनेजर फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

शांति व्यवस्था बनी हुई, लेकिन सुरक्षा कड़ी

कोरबा पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने कहा कि पुलिस की मुस्तैदी और जनता के सहयोग से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी हुई है। बावजूद इसके, पुलिस बल को एहतियातन तैनात रखा गया है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान जारी है, और मामले की विवेचना तेजी से की जा रही है।

सरायपाली खदान गोलीकांड ने कोरबा जिले में ट्रांसपोर्टेशन को लेकर चल रही प्रतिस्पर्धा और हिंसा को उजागर कर दिया है। अब देखना होगा कि प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं और भू-विस्थापितों की मांगों पर क्या फैसला लिया जाता है।

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