March 15, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

खबरें जरा हट के

बालको की पहल से स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाया हर्बल गुलाल, बढ़ी आत्मनिर्भरता

1 min read

 

 त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ बालकोनगर, 13 मार्च 2025। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की उन्नति परियोजना के अंतर्गत स्व सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और उन्हें आय का नया जरिया मिला है। होली के अवसर पर निर्मित इन हर्बल गुलालों ने महिलाओं के जीवन में आर्थिक संबल के रंग भर दिए हैं।

स्वास्थ्य व पर्यावरण के अनुकूल हर्बल गुलाल
बालको की पहल से डेकोराती माइक्रो-एंटरप्राइज से जुड़ी तीन स्व सहायता समूहों की महिलाएं हर्बल गुलाल का निर्माण कर रही हैं। यह गुलाल बाजार में नीला, बैंगनी, लाल, पीला, गुलाबी और हरा जैसे आकर्षक रंगों में उपलब्ध है। वर्ष 2022 से शुरू हुए इस प्रयास के तहत अब तक 300 किलोग्राम से अधिक हर्बल गुलाल का उत्पादन हो चुका है। इस वर्ष महिलाओं ने गुलाल बिक्री से ₹40,000 से अधिक की आय अर्जित की है, जिससे उनकी आजीविका को एक नया आयाम मिला है।

प्राकृतिक अवयवों से बने हर्बल रंग
यह हर्बल गुलाल पौधों की जड़ों, पत्तियों और फूलों से प्राप्त प्राकृतिक रंगों से तैयार किया जाता है, जो न केवल त्वचा के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। इन गुलालों में किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है। गुलाल को अधिक सुगंधित बनाने के लिए इसमें गुलाब जल और केवड़ा जैसे प्राकृतिक अवयवों का समावेश किया गया है।

उन्नति इको और उन्नति हैप्पी – पर्यावरण के प्रति जागरूक पहल
बालको की उन्नति परियोजना के तहत ‘उन्नति इको’ और ‘उन्नति हैप्पी’ नामक दो प्रकार के हर्बल गुलाल बनाए जा रहे हैं:

  • उन्नति इको गुलाल: इसमें कॉर्न स्टार्च और खाद्य रंग मिलाए जाते हैं, जिससे यह त्वचा के लिए पूरी तरह सुरक्षित रहता है।
  • उन्नति हैप्पी गुलाल: इसमें पौधों की जड़ों व पत्तियों के प्राकृतिक रंग मिलाए जाते हैं, जो बायोडिग्रेडेबल और पर्यावरण अनुकूल होते हैं। यह गुलाल सिंथेटिक रंगों का एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
‘उन्नति इको’ और ‘उन्नति हैप्पी’ गुलाल के इस्तेमाल से त्वचा पर जलन, एलर्जी और आंखों में खुजली जैसी समस्याओं से बचाव होता है। इन गुलालों में कॉर्न स्टार्च, फलों व सब्जियों के अर्क जैसे प्राकृतिक तत्वों का प्रयोग किया गया है, जिससे यह त्वचा और बालों के लिए कोमल होते हैं।

बालको की इस अनूठी पहल ने न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि सतत आजीविका और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा दिया है। इस होली, बालको के सहयोग से बनी स्वास्थ्य व पर्यावरण के अनुकूल हर्बल गुलाल को अपनाकर त्योहार को और भी सुरक्षित और रंगीन बनाया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.