“राजनीति के ‘शहंशाह’ बने विकास झा! ‘चक्रव्यूह’ भेदकर दिलाई भाजपा को ऐतिहासिक जीत”




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ बाकी मोगरा नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद का चुनाव किसी बॉलीवुड फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं था—हर कोई अपनी रणनीति बिछा रहा था, दांव चल रहा था, लेकिन आखिर में जीत उसी की हुई, जिसने सबसे बेहतर चाल चली। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार गायत्री गोवर्धन कंवर ने 16 मतों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की, लेकिन इस जीत की पटकथा लिखी भाजपा युवा मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश कोषाध्यक्ष विकास झा ने। उनकी रणनीति, उनका ‘गेम प्लान’ और उनके मास्टरस्ट्रोक ने विपक्ष को ‘चक दे! इंडिया’ के अंदाज में चौंका दिया।
जब राजनीति बनी ‘बाज़ीगर’ और विकास झा निकले ‘मास्टरमाइंड’
30 पार्षदों वाले इस चुनाव में भाजपा के पास मात्र 10 पार्षदों का समर्थन था, जबकि विपक्ष मजबूत स्थिति में था। निर्दलीय पार्षदों की संख्या 10 थी और यही चुनाव का सबसे अहम मोड़ था। यहीं पर विकास झा ने अपनी ‘रणनीति का ताश’ फेंका और पूरी बाज़ी पलट दी।
‘कौन बनेगा विजेता?’—विकास झा के तीन ‘धमाकेदार’ मास्टरस्ट्रोक
1. ‘स्वदेश’ की तरह विश्वास की जीत
विकास झा ने निर्दलीय पार्षदों के साथ लगातार संवाद बनाए रखा, उनकी प्राथमिकताओं को समझा और भरोसा दिलाया कि भाजपा के साथ जाने से उन्हें स्थिरता और विकास दोनों मिलेगा। उनकी रणनीति इतनी प्रभावी थी कि जब मतदान हुआ, तो 6 निर्दलीय पार्षद भाजपा के समर्थन में उतर आए।
2. ‘धूम 3’ स्टाइल में साइलेंट गेमप्लान
जब विपक्ष को लगा कि निर्दलीय उनके साथ हैं, तब विकास झा चुपचाप अपनी बिसात बिछा रहे थे। बैकडोर मीटिंग्स, व्यक्तिगत संवाद और गुप्त रणनीतियों के जरिए उन्होंने विपक्ष को मात दे दी। जब नतीजे सामने आए, तो विपक्ष के चेहरे पर ‘शॉक’ वैसा ही था, जैसा ‘कहानी’ फिल्म के अंत में विलेन के चेहरे पर होता है!
3. ‘सूर्यवंशम’ की तरह संगठन का दम
राजनीति में अकेला योद्धा कुछ नहीं कर सकता। विकास झा ने भाजपा संगठन और जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया। उनकी कड़ी मेहनत और जोश ने पूरे माहौल को भाजपा के पक्ष में मोड़ दिया।
विपक्ष के लिए ‘चक दे! इंडिया’ का फाइनल जैसा झटका
विपक्ष को पूरा यकीन था कि निर्दलीय पार्षद उनके पाले में रहेंगे, लेकिन जब वोटिंग हुई, तो नतीजे ने उन्हें चौंका दिया। भाजपा को मिले 16 में से 6 वोट निर्दलीयों के थे—यही विकास झा की ‘गुप्त कूटनीति’ का सबसे बड़ा प्रमाण था।
राजनीतिक विश्लेषकों का ‘गदर’ जैसा ऐलान
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ने कहा,
“इस चुनाव में सिर्फ भाजपा की जीत नहीं हुई, बल्कि यह दिखा कि विकास झा राजनीति के उभरते हुए ‘शहंशाह’ हैं। उनकी रणनीति, संगठन कौशल और व्यक्तिगत संबंधों की गहरी समझ ने विपक्ष को धराशायी कर दिया।”
‘कहानी अभी बाकी है मेरे दोस्त’—विकास झा की बढ़ती भूमिका
बाकी मोगरा का यह चुनाव एक छोटा सा ‘एपिसोड’ था, लेकिन इस जीत ने भविष्य की राजनीति में विकास झा की बढ़ती भूमिका की ओर इशारा कर दिया। उनकी रणनीति, संवाद क्षमता और संगठनात्मक कौशल उन्हें भाजपा के भविष्य के बड़े नेताओं में शामिल कर सकता है।
अब सवाल ये है—क्या विकास झा आगामी चुनावों में भी ‘गजनी’ की तरह अजेय रहेंगे? या विपक्ष उनके लिए कोई ‘धूम 4’ प्लान कर रहा है? राजनीतिक हलकों में इस पर चर्चाएं जोरों पर हैं। लेकिन एक बात तय है—इस चुनाव ने उन्हें ‘राजनीतिक चाणक्य’ बना दिया है!
