अंबिका कोयला खदान में ठप खनन – विस्थापन और रोजगार की मांग को लेकर ग्रामीणों का आंदोलन जारी




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा,****/ 12 मार्च 2025। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की अंबिका खुली मुहाने की कोयला खदान में चल रहा विरोध प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी है। ग्राम करतली के प्रभावित ग्रामीण बसाहट और रोजगार की मांग को लेकर डटे हुए हैं, जिससे खनन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है।
प्रशासन से वार्ता बेनतीजा – ग्रामीणों का आंदोलन जारी
मंगलवार, 11 मार्च को तहसीलदार सूर्य प्रकाश केसकर मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। उनका कहना है कि जब तक उचित पुनर्वास और रोजगार की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें – बसाहट और रोजगार
ग्राम करतली के सरपंच ज्योतिष ने बताया कि पिछले पांच सालों से छोटे खातेदारों को रोजगार और मेगा प्रोजेक्ट के समान बसाहट की मांग की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन जबरन विस्थापन कराना चाहता है, लेकिन ग्रामीण अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
पुनर्वास नीति में असमानता का आरोप
ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने कहा कि एसईसीएल की विभिन्न खदानों में पुनर्वास के लिए अलग-अलग नीतियां अपनाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि दीपका, कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र में 15 लाख रुपए तक बसाहट राशि दी जा रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों में विस्थापितों के लिए केवल 5 लाख तक की निविदा का प्रावधान रखा गया है।
एसईसीएल मुख्यालय में बड़े आंदोलन की चेतावनी
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही समिति ने इस माह के अंत तक एसईसीएल मुख्यालय में हजारों विस्थापितों के साथ तालाबंदी और बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। यह आंदोलन करतली अंबिका प्रोजेक्ट, सराईपाली, कोरबा क्षेत्र और बरोद रायगढ़ क्षेत्र में भी व्यापक रूप से चल रहा है।
खनन कार्य ठप – उत्पादन पर असर
लगातार पांच दिनों से खदान में काम बंद होने से कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है, जिससे बिजली उत्पादन कंपनियों को कोयला आपूर्ति में दिक्कतें आ सकती हैं। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यह विरोध प्रदर्शन और भी बड़ा रूप ले सकता है।
अब देखना यह होगा कि एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन इस संकट को कैसे हल करता है या फिर आंदोलन और तेज होगा।
