“पुत्र मोह में कांग्रेस को झोंक दिया भूपेश बघेल ने: चैतराम अटामी”




“कांग्रेस बताए चैतन्य बघेल का संगठन में कौन सा पद है: भाजपा”
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि चैतन्य बघेल का पार्टी संगठन में कौन सा पद है? जिस व्यक्ति का कांग्रेस में कोई पद नहीं है, उसके लिए पूरी पार्टी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। यह दर्शाता है कि भूपेश बघेल ने पूरी कांग्रेस को पुत्र मोह में झोंक दिया है।
अटामी ने कहा, “ऐतिहासिक दृष्टांत हैं कि पुत्र मोह में अनेक शासकों ने न केवल खुद को, बल्कि अपने पूरे साम्राज्य को बर्बाद कर लिया। भूपेश बघेल भी उसी रास्ते पर चलते नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए कांग्रेस प्रदेश की जनता को परेशान कर रही है। जनता इसका करारा जवाब देगी।”
भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष गुप्ता ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेश बघेल और कांग्रेस का झूठ अब जनता के सामने उजागर हो चुका है। उन्होंने कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन, पेड़ों की कटाई और अन्य मामलों में भूपेश सरकार के कई दस्तावेज सामने आए हैं, जो साफ करते हैं कि कांग्रेस ने प्रदेश के संसाधनों को जमकर लूटा।
गुप्ता ने आरोप लगाया, “अपने शासनकाल में भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को दिल्ली के दस जनपथ का चारागाह बना दिया। शराब, कोयला, चावल और पीएससी घोटाले सहित हर मोर्चे पर कांग्रेस ने प्रदेश को लूटा। अब जब भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई हो रही है, कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर जनता को गुमराह कर रही है।”
उन्होंने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के दौरान हसदेव अरण्य को नो-गो जोन से गो एरिया घोषित किया गया था। इसके बाद 2011 में तारा परसा ईस्ट और कांटे बासन कोल ब्लॉक खोलने का प्रस्ताव आया। भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते हुए भी कई बार कोल ब्लॉक आवंटन और पर्यावरण स्वीकृतियों की सिफारिशें की गईं।
संतोष गुप्ता ने सवाल किया, “क्या कांग्रेस अब यह मानेगी कि कोल ब्लॉक आवंटन के लिए राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखे थे? क्या भूपेश बघेल यह स्वीकार करेंगे कि उन्होंने खुद पर्यावरण स्वीकृति की सिफारिशें कीं? और यदि विरोध करने वालों को अपने घरों की बिजली बंद करने की सलाह देने वाले बघेल क्या अब खुद राजीव भवन और अपने घर की बिजली बंद करेंगे?”
उन्होंने कांग्रेस से यह भी पूछा कि क्या वह अब मनमोहन सिंह सरकार के समय लिए गए निर्णयों के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगेगी?
