छ ग स शिक्षक फेडरेशन को मजबूती प्रदान करने हेतु संकुल ,ब्लॉक,जिला व प्रांत स्तर पर एक एक साथी को जगाने में दिलीप पटेल की रही विशेष योगदान



सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति रूपी पीड़ा को लेकर छ ग स शिक्षक फेडरेशन रूपी पौधा लगाने से लेकर पेड़ बनाने में अहम भूमिका प्रदेश महासचिव दिलीप पटेल जी की रणनीति एवं मेहनत ने दिखाई रंग
प्रथम वृहद आंदोलन व सफलता के लिए उन्हें बहुत – बहुत बधाई सह शुभकामनाएं कहा जाता है कि तन मन धन से समर्पित भाव से कार्य करने से सफलता अवश्य ही मिलती है। ऐसी ही एक कहानी आज बता देना चाहता हूं। जब 16 मार्च 2018 को शिक्षक संवर्ग की संविलियन की घोषणा की गई तो सबसे पहले हमारे वेतन विसंगति पर पूर्व प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा जी चर्चा श्री दिलीप पटेल जी द्वारा किया गया जब शर्मा जी ने इस पर अभी कोई कार्य नहीं करने की बात कही तो 18 जून को ही विकाखण्ड बरमकेला के सहायक शिक्षकों को मातृ संगठन से अलग संगठन बना कर अपनी लड़ाई लड़ने का हौसला दिखाया गया। इस विषम परिस्थिति में उन्होंने विकाखण्ड अध्यक्ष का कार्य सम्भाले। कार्य सम्भालते ही सभी संकुलों में बैठक आयोजित कर सभी साथियों को जोड़ने में सफल हुए। तब जिला में अपना संगठन निर्माण में अपना समय लगाकर एक कार्यकारिणी बनाने में सफल हुए। इसी दौरान विकाखण्ड बरमकेला के समस्त स्थानीय समस्याओं को समाधान करने में शत प्रतिशत सफल रहे।*प्रांत स्तर पर चल रही प्रांतीय संयोजको के आपसी विवाद को खत्म करते हुये एक प्रांताध्यक्ष के चेहरा देने का काम किये ताकि एक पर विश्वास कर समस्त सहायक शिक्षक छ ग स शिक्षक फेडरेशन से जुड़ सकें। उनके कुशल रणनीति एवं कार्य से यह भी सम्भव हुआ।* *अब जैसे ही पटरी तैयार हुआ तो शासन से लड़ाई शुरू किये एवं 28 अक्टूबर को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन मौन रैली का आयोजन किया गया। ततपश्चात 21 फरवरी को अल्टीमेटम देते हुये 90 विधायकों को मांग पत्र सौंपा गया। अल्टीमेटम के तारतम्य में 12 मार्च को मुख्यमंत्री निवास घेराव का सफल आयोजन में भी उन्हीं का विशेष सहयोग रहा।* *16 जून 2018 से लेकर आज पर्यंत संगठन के प्रति उन्होंने अपना तन मन धन सम्पूर्ण न्योछावर कर चुके हैं। किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते हैं एवं अगला प्रयास प्रारंभ कर देते हैं।* *आज प्रथम वृहद आंदोलन के सफलता में भी उनका विशेष सहयोग रहा है। इसके लिए मैं उन्हें बहुत - बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ एवं आशा रखता हूँ कि इसी तरह संगठन को एक नई ऊंचाई तक ले जाते हुए सहायक शिक्षकों के पीड़ा दूर करने में आशीर्वाद देते रहेंगे।* *इन सभी सफलताओं के पीछे संकुल, विकाखण्डों, जिलों व प्रांत के प्रत्येक सदस्यों, महिला शक्तियों का हाथ है, जिन्होंने उनके एक आह्वान पर अपना अमूल्य समय निकालकर उपस्थिति दे देते हैं।* *आज मुझे यह इसलिए लिखना पड़ा क्योंकि मैंने उनके मेहनत को नजदीक से देखा है, वे दिन रात सोंचते रहते हैं एवं उसको फील्ड में परिणित करते भी हैं।*
