नक्सलवाद के खात्मे की ओर बस्तर, अमित शाह की नीतियों से मिल रही ऐतिहासिक सफलता: विकास मरकाम




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा **** रायपुर: भाजपा प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे पर प्रेस नोट जारी कर कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार के मजबूत इरादों के चलते बस्तर में नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। नक्सली घुटने टेकने को मजबूर हो गए हैं, और यह तय है कि 31 मार्च 2026 के पूर्व ही बस्तर पूरी तरह नक्सल मुक्त हो जाएगा। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को देश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने वाला राष्ट्रनायक बताया।
पूर्वोत्तर से लेकर जम्मू-कश्मीर और बस्तर तक अमित शाह के नेतृत्व में भारत को शांति के टापू के रूप में पहचान मिल रही है। उनके मजबूत विजन और निर्णायक नीतियों के कारण बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और वार्ता के लिए भी तैयार हो गए हैं।
आदिवासी मुख्यमंत्री का प्रभाव और पुनर्वास नीति
विकास मरकाम ने राज्य के नेतृत्वशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भी सराहना करते हुए कहा कि पहली बार प्रदेश में एक आदिवासी मुख्यमंत्री बना है, जिसका सीधा लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर विश्वास बढ़ा है और पुनर्वास नीति को प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। पुनर्वास नीति के अंतर्गत:
- समर्पित नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है।
- वनाधिकार पट्टा प्रदान किया जा रहा है।
- उनके बच्चों को आदिवासी आश्रम स्कूलों में दाखिला मिल रहा है।
- स्वरोजगार के लिए ऋण एवं अनुदान दिया जा रहा है।
- बस्तर फाइटर्स जैसे सुरक्षा बलों में भर्ती का अवसर दिया जा रहा है।
- समर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता दी जा रही है।
इससे बड़ी संख्या में नक्सलियों ने तेजी से आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है और बस्तर में शांति स्थापना के प्रयास सफल हो रहे हैं।
कांग्रेस पर निशाना, बस्तर में विकास की नई राह
विकास मरकाम ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी नक्सलियों की हिमायती रही है और अर्बन नक्सलियों के साथ मिलकर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर कर रही थी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को दो चीजों के लिए जाना जाएगा – घोर भ्रष्टाचार और बस्तर में नक्सलवाद का विस्तार। लेकिन अब बस्तर के आदिवासियों ने कांग्रेस की असलियत पहचानकर उन्हें नकार दिया है।
आज कुटीर विकास की एक नई और आशावादी राह आगे बढ़ रही है। ‘नियाद नेल्लानार’ योजना के तहत समग्र विकास किया जा रहा है। वहीं, ‘बस्तर पंडुम 2025’ जैसे आयोजनों से वन्यजीवों की संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दी जा रही है।
- विदेशी ओलंपिक के आयोजन से स्थानीय खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है।
- बजट 2025-26 में 3200 लड़ाकों की भर्ती की घोषणा से युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- तेंदूपत्ता संग्रहण को 5500 रुपए प्रति मानक बोरा बाजार दिया जा रहा है।
- 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का निर्माण किया जा रहा है।
- महतारी वंदन योजना से महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है।
- नल जल योजना से नाविकों को क्लीन प्रिजेक्ट उपलब्ध कराया जा रहा है।
यह सभी फाइलों के समग्र विकास को गति दे रही हैं और इस क्षेत्र का भाग्य वाली साबित हो रही हैं।
