February 6, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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वी.एस.स्पंज द्वारा प्रस्तुत झूठी ईआईए रिपोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगायेंगे – सुमित शर्मा

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क्षेत्र में होने वाले तमाम औद्योगिक विस्तार के खिलाफ आर-पार की कानूनी-लड़ाई लड़ने को प्रतिबद्ध
रायगढ़। रायगढ़ के जुझारू व तेज़तर्रार युवा नेता सुमित शर्मा विज्ञप्ति जारी करते हुए ऐलान किया है कि आगामी 12 मार्च को प्रस्तावित युवा उद्योगपति आशीष अग्रवाल के मालिकाना हक वाले औद्योगिक समूह वी.एस.स्पंज की जनसुनवाई का उनकी अगुवाई में सैकड़ो कार्यकर्ताओ द्वारा विरोध दर्ज करवाया जायेगा।

आगे युवा नेता सुमित शर्मा ने कहा कि जनहितों के मद्देनजर इस उद्योग विस्तार की जनसुनवाई का विरोध किया जाना तय किया गया है। इस उद्योग की जनसुनवाई निरस्त कराने के लिए वे और उनके सैकड़ों युवा साथी प्रतिबध्द हैं।

युवा नेता सुमित शर्मा का साफ तौर पर कहना है कि इस औद्योगिक समूह द्वारा साँठगाँठ कर जो ईआईए रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है वो पूरी तरह से झूठी हैं और वास्तविक जमीनी स्थिति से कोसों दूर हैं जबकि जमीनी हकीकत उस ईआईए रिपोर्ट से पूरी तरह अलग है। जमीनी सच्चाई यह हैं कि यह पूरा औद्योगिक क्षेत्र ही प्रदूषण की भयंकर मार झेल रहा है और इस औद्योगिक क्षेत्र में पहले से करीबन दर्जन भर उद्योग संचालित हो रहे हैं जिसकी वजह से न केवल पारिस्थितिकी तंत्र पर बल्कि क्षेत्र के 10 किलोमीटर के दायरे पर बड़े पैमाने पर जल व वायु प्रदूषण फैल रहा है जिससे इस पूरे इलाकें पर बसने वाली करीबन 20 हज़ार की जनआबादी का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा हैं लोगों को श्वसन संबंधी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां होने की शिकायत मिल रही हैं।

ऐसे में इस उद्योग द्वारा प्रस्तुत ईआईए रिपोर्ट में वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के आंकड़े जो दिए गए है वो पूरी तरह से मिथ्या है जिसको लेकर अब वे और उनकी संस्था वी.एस.स्पंज द्वारा प्रस्तुत ईआईए रिपोर्ट के फर्जी आंकड़े के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाने की तैयारी में है जिसके लिए उनकी संस्था से जुड़े दर्जन भर से अधिक युवा साथी बीतें एक महीने से क्षेत्र के पर्यावरणीय स्थिति व पारिस्थिकी तंत्र पर उद्योगों से पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों का अध्ययन करने में जुट गए हैं और उनके द्वारा जो रिपोर्ट दी जायेगी उसी के आधार पर अब वी.एस.स्पंज सहित इस औद्योगिक क्षेत्र में और जो भी औद्योगिक इकाइयां कार्यरत है उनके विस्तार के खिलाफ अब वे जनहित याचिका के माध्यम से आर-पार की कानूनी लड़ाई लड़ने को प्रतिबद्ध हैं।

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