अन्नदान का लोकपर्व छेरछेरा- विलास सारथी ने क्षेत्रवासियों को दी शुभकामनाएं बच्चों को बांटे धान और बिस्किट



बरमकेला।अन्न दान का महापर्व छेरछेरा बुधवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। जिला पंचायत सदस्य विलास सारथी ने समस्त प्रदेश वाशियों को छत्तीसगढ़ के लोक पर्व छेरछेरा की शुभकामनाएं दी और छोटे छोटे बच्चों को धान और बिस्किट बांटकर छेरछेरा का त्यौहार मनाया।और साथ ही साथ प्रदेश के लोग धन धान्य से पूर्ण और उत्तम स्वास्थ्य की कामना भी की गयी।
छत्तीसगढ़ में यह पर्व नई फसल के खलिहान से घर आ जाने के बाद मनाया जाता है। इस दौरान बुजुर्ग बच्चे और आसपास के लोग घर-घर जाकर लोग अन्न का दान माँगते हैं। वहीं गाँव के युवक घर-घर जाकर डंडा नृत्य करते हैं।
लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक व युवतियाँ हाथ में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा माँगते हैं। वहीं युवकों की टोलियाँ डंडा नृत्य कर घर-घर पहुँचती हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गाँव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा माँगने वालों को दान करते हैं।आज के दिन द्वार-द्वार पर ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा’ की गूँज सुनाई देगी। पौष पूर्णिमा के अवसर पर मनाए जाने वाले इस पर्व के लिए लोगों में काफी उत्साह है। गौरतलब है कि इस पर्व में अन्न दान की परंपरा का निर्वहन किया जाता है।
