February 5, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

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यहां बिराजे हैं दक्षिणमुखी हनुमान, दूर-दूर से आते हैं भक्त

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तेलीकोट : गढ़गांव की कुछ बातें अब तक हैं अनसुलझी

कुछ स्थान कुछ तथ्य इतिहास के पन्नों पर तो अंकित नहीं, परंतु सदियों से चली आ रही लोककथाएं उनकी वास्तविकता को प्रमाणित करती हैं। एक ऐसा ही प्रागैतिहासिक परकोटा रायगढ़ जिले में खरसिया नगर के समीप है।

खरसिया रेलवे स्टेशन से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत तेलीकोट है। यह गढ़गांव दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। वहीं सिद्ध हनुमान मंदिर के सामने ही गढ़पार है, जो वर्तमान में झाड़ीनुमा जंगल जैसा दिखाई पड़ता है।

बताया जाता है कि कभी यहां राजा का गढ़ या फिर कबीले के सरदार का निवास हुआ करता था। यहां पर आज भी रानी तालाब एवं राजा के प्रिय हाथी का मठ प्रतीत होता है। कौन से राजा यहां हुआ करते थे; इस बात को बताने वाले तो अब नहीं रहे, परंतु ना सिर्फ गांव वरन् पूरे क्षेत्र में यह कहा जाता है कि यहां राजा का गढ़ था।

इन बातों की प्रामाणिकता यह भी मानी जा सकती है कि गांव के चारों ओर तालाबों के रिंगनुमा दो घेरे अब तक मौजूद हैं। हालांकि कालांतर में इन तालाबों की दशा एवं रकबा बहुत बदल चुका है, परंतु अब भी यह गांव तालाबों के दो घेरों से घिरा हुआ है। बताया जाता है कि लोगों ने खजाने की चाहत में सघन कंटीली झाड़ियों से पटे स्थान विशेष तक पहुंचने की कोशिश भी की थी, परंतु उन्हें खजाना तो नहीं वरन् कुछ टूटे-फूटे शस्त्र मिले। बहुमूल्य चीजों की आस लिए कुछ ग्रामीण भी पहुंचने की कोशिश करते हैं, जिन्हें इक्के दुक्के सिक्के मिले। वहीं सेटेलाइट से ली गई तस्वीरें जो गूगल पर उपलब्ध हैं, यह भी बहुत कुछ बयां कर रही हैं। ऐसे में यह ताज्जुब जरूर होता है कि प्रचलित इतिहास की पुस्तकों से यह सब कुछ अछूता कैसे रह गया।

कुछ प्राचीन मंदिरों के साथ यहां दक्षिणमुखी हनुमान जी का भी मंदिर है, जिसकी बहुत मान्यता है। भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर बजरंगबली के इस दरबार में दूर-दूर से आते हैं और अजर-अमर बजरंगबली से मनचाहा पाते हैं।

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