ज्ञानवापी केस: जितेंद्रानंद सरस्वती बोले- सुन्नी वक्फ बोर्ड हिंदुओं को सौंप दे मंदिर, धैर्य की परीक्षा न ले
1 min readजितेंद्रानंद सरस्वती बोले- सुन्नी वक्फ बोर्ड हिंदुओं को सौंप दे मंदिर, धैर्य की परीक्षा न ले
त्रिनेत्र टाइप्स कोरबा*** वाराणसी : अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड फालतू की बातें करना बंद करे। प्रसिद्ध वामपंथी इतिहासकारों की फर्जी किताबों को इन्होंने राम जन्मभूमि केस में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सबमिट किया था। सभी को हाईकोर्ट ने फर्जी घोषित किया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि ये कभी अयोध्या नहीं आए। रातों-रात इतिहाकार पुरातत्वेत्ता कब बन गए। उसी प्रकार फर्जी इतिहासकार ज्ञानवापी मामले में खोजने की कोशिश न करें, इसी में मुस्लिम समाज की भलाई है।’
महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने कहा, ‘एएसआई द्वारा पेश की गई 839 पेज की रिपोर्ट उन्हीं बातों की पुष्टि करती है, जिसे प्रसिद्ध इतिहासकार यदुनाथ सरकार ने औरंगजेब के द्वारा 1669 में ज्ञानवापी मंदिर को औरंगजेब के द्वारा तुड़वाए जाने का जिक्र किया है। इस संदर्भ में मंदिर के संपूर्ण नक्शे को वाराणसी के डीएम जोसफ प्रिसले ने जारी किया। उसके बारे में वो भी सही उतर रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्ववेत्ता ए एस अल्टेकर ने जिन बातों की पुष्टि की। इतनी बातों की पुष्टि एएसआई ने की है। हम मुस्लिम समाज से निवेदन करेंगे कि अपना दिल बड़ा करके हिंदू मंदिर हिंदुओं के सौंप दें, धैर्य की परीक्षा न लें।’