सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की मनमानी के कारण गई व्यक्ति की जान…..अस्पताल से गायब रहे डॉक्टर।






इंडिया24टुडे वेबडेस्क।
हरिश निराला।
बलरामपुर। प्रदेश में स्पीड में लगाम लगाने की लाख कोशिश करने के बावजूद आज भी एक्सीडेंट पर लगाम नहीं लग पाया है बाइक सवार और कार चालक आज भी फ़र्राटे मार कर गाड़ियां चलाते हैं जिसके चलते आए दिन कोई न कोई बेकसूर को इनका शिकार होना पड़ता है ऐसा ही कुछ मामला इस बार निकल कर आया है बलरामपुर जिले से जहां पर एक स्पीड बाइक सवार ने एक राह चलते व्यक्ति को टक्कर मार दी टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि व्यक्ति मौके पर ही बेहोश हो गया और गाड़ी चालक को भी गंभीर चोटें आई ये सारा मामला बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर थाना अंतर्गत बगईनार गांव का है।
घटना के बाद राह चलते ग्रामीणों ने जब दोनों व्यक्ति को बेहोश देखा तब उन्होंने तुरंत व्यक्ति को रघुनाथ नगर सरकारी अस्पताल लाया लेकिन मोके पर वहा कोई डॉक्टर नहीं थे पूरे सरकारी अस्पताल को एक कंपाउंडर के भरोसे छोड़ दिया गया था इतने बड़े सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर के नहीं होने के चलते उस व्यक्ति की जान चली गई वही बाइक सवार को गंभीर हालत में वाड्रफनगर शिफ्ट किया गया। इतनी शर्म की बात है कि सरकारी अस्पताल में जिस तरह से लापरवाही का यह आलम देखने को मिल रहा है और यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी इस अस्पताल में डॉक्टरों की जगह केवल एक कंपाउंडर ही अस्पताल में देखरेख करते नजर आए और डॉक्टर बकायदा सरकारी अस्पताल के बाजू में मिले सरकारी आवास में आराम फरमाते नजर आते हैं
ऐसे में सवाल अब यह उठता है कि क्या सरकारी अस्पताल में केवल डॉक्टरों की भर्ती उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए दी जाती है क्या वहां आने वाले मरीजों से उनका कोई सरोकार नहीं रहता या फिर सरकारी अस्पताल को केवल एक शोपीस के लिए बना दिया गया है बहुत से प्रदेश के सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां की स्थिति इसी तरह बदतर है और इस लापरवाही के चलते आए दिन न जाने कितने लोगों की जान चली जाती है आखिर इसके जिम्मेदार कौन है ? सरकार को ऐसे सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए जिन्होंने केवल सरकारी डॉक्टर बनने का तमगा तो हासिल कर दिया लेकिन डॉक्टरों के इलाज के नाम पर केवल प्रदेश सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।





