कोई रोग नहीं है
इंडिया24टुडे वेबडेस्क।
इस दिल का
जो तुझे सीने से
लगा कर दिखा दू
हर लब्ज सुना सा है
हर जख्म खुला सा है
तुझे खोल कर दिखा दू
अरमान तो हर रूप में होती है
तू कहे तो
दिल खोल कर दिखा दू.
करवा गुजरती है हर रात
अंधेरे मे चुपके से
तू कहे तो
उसे रोककर तुझे दिखा दू
जिंदगी इतनी छोटी हो गई है
सजा बड़ा होना चाहिए
तू कहे तो सजा मुकर्रर कर दू
लेखक –पीताम्बर कुमार दिनांक—05/06/2020