कोरबा जिला पंचायत के सामने बना कॉमप्लेक्स दरारों से जर्जर – क्या निर्माण में हुई करोड़ों की लापरवाही? जांच के आदेश, महिलाओं की आजीविका पर संकट




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ कोरबा। जिला पंचायत कोरबा के सामने वर्ष 2018 में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित सखी स्व-सहायता समूह नकटीखार का दुकान महज 8 साल में ही जर्जर हाल में पहुंच गया है। दीवारों में गहरी दरारें, जगह-जगह से उखड़ती प्लास्टरिंग और रिसता पानी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कहीं न कहीं निर्माण के दौरान भारी लापरवाही बरती गई।
⚠️ महिला दुकानदारों पर आजीविका का संकट
इस दुकान में सखी स्व-सहायता समूह नकटीखार की महिलाएं अपनी आजीविका के लिए दुकानें चला रही हैं। लेकिन अब हर दिन उन्हें डर के साए में व्यापार करना पड़ रहा है। बरसात में पानी रिसाव से दीवारें और कमजोर हो रही हैं। महिलाओं ने कहा – “हर बार अफसर आश्वासन देकर चले जाते हैं, लेकिन हमारी दुकानों और जिंदगी दोनों पर खतरा बना हुआ है।”
📢 सवालों के घेरे में निर्माण एजेंसी
केवल 8 साल में ही भवन का इस कदर जर्जर हो जाना सीधे तौर पर निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। क्या निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का उपयोग किया गया? क्या निरीक्षण के नाम पर कागजों में खानापूर्ति की गई?
🗨️ जिला पंचायत अध्यक्ष का बयान
इस मामले पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा –
“दुकान की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संबंधित विभाग को जांच के निर्देश दिए गए हैं। यदि निर्माण में गड़बड़ी पाई गई तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी और जल्द मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।”
🚨 स्थानीय लोगों की चेतावनी – अनदेखी हुई तो होगा आंदोलन
स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। “हमारे जीवन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे,” उन्होंने कहा।
❓ आखिर सवाल यही है कि करोड़ों की लागत से बना यह भवन महज 8 साल में क्यों जर्जर हो गया? क्या सरकारी धन की बंदरबांट हुई? और अगर हां, तो दोषियों को कब तक बचाया जाएगा?
