कोरबा में शिल्प, वास्तु और पुरातत्व पर जागरूकता बढ़ाने की पहल – राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन




त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/: कोरबा जिले में प्राचीन शिल्प, वास्तुकला और पुरातत्व को संरक्षित और शोधित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस दिशा में विशेष प्रयास के तहत कलचुरी राजवंश इतिहास एवं पुरातत्व शोध समिति द्वारा ग्राम तुमान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
कल्चुरी राजवंश के गौरवशाली इतिहास पर होगी चर्चा
कलचुरी समाज के संयोजक सह अध्यक्ष कौन्तेय जायसवाल ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि कोरबा, जो कोयला और अन्य खनिज संपदा में समृद्ध है, ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। खासतौर पर ग्राम तुमान में कई ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद हैं, जो कलचुरी शासनकाल की समृद्धि को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इस इतिहास को सहेजने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने की आवश्यकता है।
इस पहल के तहत 22 और 23 मार्च को ग्राम तुमान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी, जिसमें राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
देशभर के विशेषज्ञ करेंगे बौद्धिक चर्चा
संगोष्ठी के आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि इस आयोजन में देशभर से कलचुरी समाज के प्रतिनिधि, इतिहासकार और पुरातत्व विशेषज्ञ शामिल होंगे। विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्रख्यात प्रोफेसर इस दौरान कलचुरी साम्राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण, उनके महत्व और भविष्य में शोध की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे।
कार्यक्रम की रूपरेखा और संगोष्ठी के उद्देश्यों को लेकर कटघोरा के अग्रसेन भवन में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें कौन्तेय जायसवाल ने विस्तार से जानकारी दी।
इतिहास और धरोहर संरक्षण पर दिया जा रहा जोर
इस संगोष्ठी के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि प्राचीन धरोहरों का संरक्षण केवल पुरातत्वविदों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को अपनी ऐतिहासिक विरासत को सहेजने के लिए आगे आना होगा।
इस पहल से न केवल कोरबा जिले के ऐतिहासिक स्थलों के महत्व को समझने और सहेजने में मदद मिलेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।
