*।।ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।*
1 min read*पौष शुक्ल एकादशी*
*पुत्रदा एकादशी*
*एकादशी तिथि आरंभ- 09 जनवरी 2025 गुरुवार को मध्यान्ह 12 बजकर 22 मिनट से*
*एकादशी तिथि समाप्त- 10 जनवरी 2025 शुक्रवार को प्रात: 10 बजकर 09 मिनट पर*
*पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि- 10 जनवरी 2025 शुक्रवार*
*पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय- 11 जनवरी 2025 शनिवार को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से प्रात: 08 बजकर 21 मिनट पर।*
*पुत्रदा एकादशी व्रत कथा*
त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा ****/ *भद्रावती नाम के नगर में सुकेतुमान नाम के एक राजा थे. वे बहुत बहादुर कुशल शासक और एक दानी राजा थे. उनके राज्य में उनके शासन से प्रजा संतुष्ट एवं प्रसन्न रहती थी. राजा समय-समय पर प्रजा हित में शुभ कार्य संपन्न करते रहते थे. लेकिन वैभवशाली दयावान राजा की कोई संतान नहीं थी. इसलिए राजा हमेशा चिंतित तो भी रहते थे मेरी कोई संतान नहीं है और शास्त्रों में लिखा गया है कि जी पुरुष की कोई संतान नहीं होती है उसे पर उसके पूर्वजों का हमेशा ऋण रहता है. राजा दिन रात सोचते थे कि मेरे मरने के बाद कौन मेरा पिंडदान करेगा और यदि मैं इसी तरह से की संतान मर गया तो अपने पूर्वजों का ऋण किस प्रकार चुका पाऊंगा। एक दिन राजा घूमते हुए एक जंगल में पहुंचे जिसमें ऋषि तपस्या कर रहे थे राजा ने ऋषि को प्रणाम किया. ऋषि ने राजा के मन की चिंता को पढ़ लिया तथा राजा से पूछ लिया कि राजन आप इतने चिंतित क्यों है? राजा ने अपनी सारी व्यथा ऋषि के समक्ष कह दी और कहा कि हे ऋषिवर मेरे इस दुख को समाप्त करने की कृपा करें. कोई उपाय साधन मुझे बताइए जिससे कि मुझे संतान की प्राप्ति हो। तब ऋषि ने कहा कि पौष महीने के शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत करें। इस व्रत को करने से आपको पुत्ररत्न की प्राप्ति हो जाएगी। राजा ने ऋषि की बातों को सुना तथा व्रत करने की विधि का ज्ञान लेकर अपने महल में आए. राजा ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर व्रत किया तथा समय के साथ राजा को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई।*
*नाड़ीवैद्य डॉ.नागेन्द्र नारायण शर्मा।*