February 6, 2025

त्रिनेत्र टाईम्स

खबरें जरा हट के


* दूसरे ग्राम में जमीन लेकर बस रहे भू-विस्थापित
* मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद तस्वीर आई सामने
त्रिनेत्र टाइम्स  कोरबा ****/ जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। अब ग्राम पंचायत की संख्या 412 से घटकर 410 हो गई है। इसमें पाली ब्लॉक का ग्राम अमगांव और कटघोरा ब्लॉक का ग्राम मलगांव पंचायत विलोपित हो गया है। दोनों ही पंचायत कोयला खदान में समा गए हैं। यहां के लोगों ने बसाहट नहीं ली है। इस वजह से आगे दोनों ग्राम का अस्तित्व अभी नहीं रहेगा। जिले में मतदाताओं की संख्या 5 लाख 92 हजार 964 है।

एसईसीएल दीपका के कोयला खदान के विस्तार के लिए इन दोनों ग्रामो की जमीन अधिग्रहित की गई है। इसकी वजह से ही इस बार दोनों ही पंचायतों को विलोपित कर दिया गया है। दोनों ग्राम की आबादी करीब 2200 थी। इन ग्रामो के लोगों ने बसाहट लेने के बजाय अपने स्तर पर दूसरे गांव में जमीन लेकर मकान बना रहे हैं।
लेकिन ग्राम पंचायत मलगांव में करीब 50 मकान अभी खाली नहीं हुए हैं। यहां के लोग कम मुआवजा की बात कहते हुए घर को नहीं छोड़ रहे हैं। यही हाल ग्राम पंचायत अमगांव का है। दोनों ग्रामो की जमीन पर कोयला उत्खनन भी शुरू हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि मकान का कम मुआवजा दिया गया है। इसी वजह से दूसरे स्थान पर जमीन नहीं ले पा रहे हैं। ग्राम के पास ही खदान पहुंच चुका है। कई लोग दूसरे स्थान में रहने के लिए भी चले गए हैं। लेकिन मकानों को नहीं हटाया है।
* पिछले चुनाव में भी ग्राम बाम्हनपाठ और पोड़ी हुआ था विलोपित
एसईसीएल खदान के लिए जमीन अधिग्रहीत करने की वजह से पिछले चुनाव में भी दो पंचायत ग्राम बाम्हनपाठ और पोड़ी को विलोपित कर दिया गया था। दोनों ही पंचायत कटघोरा ब्लॉक में थे। इस बार कटघोरा और पाली से एक-एक पंचायत ग्राम विलोपित हुआ है।
* 410 ग्राम पंचायतों में 8 हजार महिला मतदाता अधिक, थर्ड जेंडर की संख्या 12
410 ग्राम पंचायतों में कुल मतदाता 5 लाख 92 हजार 964 में से 3 लाख 534 महिला मतदाता हैं। पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 लाख 92 हजार 418 है। थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 12 है। इस तरह 8016 महिला मतदाता अधिक हैं। पंचायत चुनाव में 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए ही आरक्षित होता है।
* नए घर बनने के हिसाब से कर रहे खाली
ग्राम पंचायत मलगांव की सरपंच धनकुंवर कंवर का कहना है कि सभी प्रभावित नए मकान बना रहे हैं। उसके हिसाब से ही मकानों को खाली कर रहे हैं।

 

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