जनपद पंचायत बरमकेला क्षेत्र के सभी गोठनो में हरेली तिहार पर्व मनाया गया





बरमकेला /बरमकेला से महज 5 किलोमीटर दूरी में ग्राम पंचायत धुमाभांठा खोरीगांव में आज जनपद पंचायत बरमकेला के कार्यक्रम अधिकारी आशीष भारती एवं ग्राम पंचायत सरपंच ओर रोजगार सहायक उपस्थिति थे छत्तीसगढ प्रदेश व अंचल में हरेली तिहार पर हम अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों और गोधन की पूजा कर धरती माता का भरण पोषण के लिए आभार व्यक्त करते हैं। यह छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है।आशीष भारती ने कहा कि गांव-गांव में हरेली का पर्व बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि के काम आने वाले सभी तरह के औजारों की साफ-सफाई और पूजा की जाती है। पारंपरिक तरीके से लोग गेड़ी चढ़कर हरेली की खुशियां मनाते हैं। प्राचीन मान्यता अनुसार सुरक्षा के लिए घरों के बाहर नीम की पत्तियां लगाई जाती हैं। छत्तीसगढ़ की इस गौरवशाली संस्कृति और परम्परा को सहेजने के लिए राज्य सरकार ने हरेली त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
राज्य सरकार ने पिछले साल हरेली के त्यौहार पर प्रदेशवासियों के लिए देश की अपनी तरह की पहली अनूठी योजना ‘गोधन न्याय योजना’ का शुभारंभ किया है। योजना के तहत सरकार ने किसानों और पशुपालकों से दो रुपए किलो की दर से गोबर खरीदी कर ग्रामीणों के लिए आय का एक नया जरिया तैयार किया है। खरीदे गए गोबर से गौठानों में महिला समूह वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहे हैं, जिसका उपयोग खेतों और बाड़ियों की उर्वरता बढ़ाने में किया जा रहा है। इस योजना नेे न केवल किसानों, पशुपालकों, महिलाओं की आय बढ़ाई बल्कि इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इससे पशुधन के संरक्षण, संवर्धन और तरक्की की राह भी खुली है
