धूमाभांठा में कबीर जयंती बड़े धूमधाम से मनाया गया
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बरमकेला
संत कबीरदास भारतीय मनीषा के पहले विद्रोही जाने जाते हैं, उन्होंनें अंधविश्वास के खिलाफ विद्रोह किया था।संत कबीरदास ने अपने जीवन में कई सुंदर महाकाव्यों की रचना की है जो आज भी प्रासंगिक हैं। संत कबीरदास भक्तिकाल के महान कवि रहे हैं, जो जीवन समाज को सुधारने के लिए समर्पित रहे हैं। कबीरदास को कर्म प्रधान कवि भी कहा गया है, उनका नाम हिंदी साहित्य में उत्तम योगदान के लिए भी रहा है। कबीर की रचनाएं (Kabir ke Dohe) बहुत खूबसूरत और सजीव हैं जिनमें समाज की झलकियों को दर्शाया गया है। वह कवि होने के साथ समाज कल्याण और समाज हित के काम में भी व्यस्त रहते थे। उनकी उदारता के लिए उन्हें संत की उपाधि भी दी गई थी। वह भारतीय मनीषा के पहले विद्रोही संत थे, उन्होंने अंधविश्वास और अंधश्रद्धा के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी।
बरमकेला क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत धूमा भाटा गांव है जिसमें समस्त पनिका समाज के द्वारा आज कबीर जयंती के उपलक्ष्य में पूजा अर्चना और कबीर भजन संध्या आरती संगीतकार के द्वारा अपना संगीत किया गया कबीरपंथी मैं चौका आरती किया जाता है संध्या के समय महंत कालिदास चमरू देवान के द्वारा कबीर साहेब की पूजा अर्चना किया समस्त पनिका समाज के द्वारा कबीर जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाया गया गांव के सभी युवा पीढ़ी से लेकर वृद्ध पीढ़ी के लोग ने भाव भक्ति प्रेम के साथ चौका आरती के बाद साहेब के प्रसाद वितरण किया गया पनिका समाज के लोग जैसे कोई मृत्यु हो जाती है या जन्म उत्सव में चौका आरती एवं आनंदी चौका भी की जाती है यह चौका पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है कबीर साहब को अन्य समाज भी अपना भगवान मानते हैं इस कार्यक्रम में कबीर दास मानिकपुरी पत्रकार बरमकेला क्षेत्र मनोज मानिकपुरी सतीश कुमार प्रकाश महावीर प्रमोद प्रीतम केदार हेमसागर मंगलदास मुकेश अजीत रेशम परदेसी और संगीतकार बंशीधर सिदार गोविंद महंत समस्त पनिका समाज उपस्थित थे
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