कोरबा विशिष्ट चेहरे वाला बार्न उल्लू दिखा जिले में-ग्रामीणों की लगी भीड़
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त्रिनेत्र टाइम्स कोरबा जिले के एक ग्राम में बार्न उल्लू देखा गया है। जैसे ही बाड़ी में बैठे बार्न उल्लू पर लोगों की नजर पड़ी तो देखने ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीण किसी भी अनहोनी से बचाने पूरे दिन उल्लू की देखभाल करते रहे। लोगों ने आशंका जताई है कि उल्लू शिकार के लिए निकला होगा।घटना कटघोरा वनमंडल अंतर्गत ग्राम तिवरता की बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार ग्राम तिवरता में रहने वाले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता के घर की बाड़ी में बार्न उल्लू देखा गया था। प्रतिदिन की तरह शुक्रवार सुबह भी परिजन बाड़ी की ओर गए हुए थे। इस दौरान उनकी नजर एक जीव पर पड़ी, जो देखने में अजीब लग रहा था। पहले तो लोगों ने उसे देख तरह-तरह के कयास लगा रहे थे, लेकिन फिर कुछ लोगों ने उसकी पहचान बार्न उल्लू के रूप में की। वह दिन के उजाले में उड़ नहीं पा रहा था। उसकी देखरेख में ग्रामीण पूरे दिन जुटे रहे।
बताया जा रहा हैं की बार्न उल्लू भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पाया जाता है। यह अपनी विशिष्ट चेहरे की संरचना और व्यापक वितरण के लिए प्रसिद्ध है। कृषि क्षेत्रों, गांवों और खुले स्थानों को पसंद करते हुए यह बाड़ों या अन्य उपयुक्त संरचनाओं में बसता है, जबकि रात के समय शिकार की तलाश में सक्रिय होता है।
बार्न उल्लू का आहार मुख्य रूप से छोटे सांप, चूहे और छोटे पक्षी हैं, जिससे यह खाद्यान्तर के क्षेत्र में विशेषता से प्रभावी होता है, विशेषकर कृषि क्षेत्रों में में ये ज्यादा प्रभावी होता है।
बार्न उल्लू भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं, जो गांव से शहरी क्षेत्रों तक विभिन्न पर्यावासीय स्थानों में बसता हैं। उनकी विभिन्न पर्यावार्थ्यता ने उनकी उपस्थिति को मानव गतिविधियों के प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ा दिया है।
// बार्न उल्लू से जुड़े रोचक तथ्य //
* चेहरे की संरचना : बार्न उल्लू को उसके दिल के आकार के चेहरे के वृत्तों से पहचाना जाता है, जो रात में शिकार की तलाश में ध्वनि स्थानीयकरण में मदद करता है।
* उड़ान : इनमें शांत उड़ान के लिए विशेष रूप से बने पंख से यह विशेष क्षमता है, जिससे वे शिकार के पास चुपके से पहुंच सकते हैं।
* रात्रि दृष्टि : बार्न उल्लू की उत्कृष्ट रात्रि दृष्टि है और उनकी विशेष चेहरे की सुविधाएं ध्वनि को पकड़ने और चालने में भूमिका निभाती हैं, जिससे उनकी शिकार में सहायता होती है।
* कुशल शिकारी : ये उल्लू छोटे सांपों की जनसंख्या को नियंत्रित करने में अपनी कुशलता के लिए जाने जाते हैं, जिससे बार्न आउल कृषि भूमियों में प्राकृतिक कीट प्रबंधन में योगदान करते हैं।